Makar Sankranti 2025: कब है मकर संक्रांति, कैसे करें पूजा? जानें मंत्र-मुहूर्त

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, इसलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान करने और गरीबों का दान करने का विशेष महत्व है।

 

Kab Hai Makar Sankranti 2025: धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब भी सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। हर साल जनवरी महीने में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस समय मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान करने का विशेष महत्व है। आगे जानिए इस बार मकर संक्रांति का पर्व कब मनाया जाएगा और पूजा व शुभ मुहूर्त की डिटेल…

कब है मकर संक्रांति 2025? (Makar Sankranti 2025 Date)

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, साल 2025 में 14 जनवरी, मंगलवार की सुबह 8 बजकर 55 मिनिट पर सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा और स्नान-दान का महत्व भी इसी दिन रहेगा। इस दिन लोगों को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए, तभी शुभ फल मिलेंगे।

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ये हैं मकर संक्रांति 2025 के शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2025 Shubh Muhurat)

मकर संक्रांति पर स्नान-दान का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 03 मिनिट से 10 बजकर 48 मिनिट तक रहेगा। इसे अलावा सामान्य शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 03 मिनिट से शाम 5 बजकर 46 मिनिट तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान करने का कईं गुना फल मिलेगा।

मकर संक्रांति पर इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा (Makar Sankranti Puja Vidhi)

- 14 जनवरी की सुबह शुभ मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि ऐसा न कर पाएं तो घर भी भी स्नान मंत्र बोलकर नहा लें।
- इसके बाद तांबे के लोटे में शुद्ध जल लेकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। इस जल में थोड़ा कुमकुम और लाल फूल भी मिला लें।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप भी करते रहें। सूर्यदेव को प्रणाम करें और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि सूर्यदेव को चढ़ाया हुआ जल पैरों में न आए। इस तरह पूजा करने के बाद सूर्यदेव की आरती भी करें।
- इस तरह सूर्यदेव की पूजा करने के बाद जरूरतमंदों को अपनी इच्छा अनुसार, कपड़े, भोजन, अनाज आदि का दान करें।


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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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