Eid-ul-Fitr 2025 Date: भारत में ईद-उल-फित्र का त्योहार कब मनाया जाएगा, यह चांद के दीदार पर निर्भर करेगा। रमजान के पवित्र महीने के बाद आने वाली इस ‘मीठी ईद’ का मुस्लिम समुदाय में विशेष महत्व है। जानिए भारत में ईद कब है, 31 मार्च या 1 अप्रैल?
Eid 2025 Date: ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr 2025) इस्लाम धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक है, जिसे ‘मीठी ईद’ (Meethi Eid) के नाम से भी जाना जाता है। यह रमजान (Ramadan 2025) के पवित्र महीने के बाद मनाया जाता है, जब 30 दिनों तक रोजे (Roza) रखने के बाद चांद दिखने पर ईद का ऐलान किया जाता है। इस साल, रमजान की शुरुआत 2 मार्च 2025 से हुई थी और अब सबकी निगाहें शव्वाल (Shawwal) के चांद पर टिकी हैं। संभावना है कि भारत में ईद 31 मार्च या 1 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी, हालांकि इसकी पुष्टि चांद देखने के बाद ही होगी।
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, ईद-उल-फितर रमजान के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है। भारत में रमजान की शुरुआत 2 मार्च 2025 से हुई थी और शव्वाल का चांद 30 या 31 मार्च को नजर आ सकता है। अगर चांद 30 मार्च की रात दिखता है, तो ईद 31 मार्च 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी। लेकिन, अगर चांद 31 मार्च की रात दिखाई देता है, तो ईद 1 अप्रैल 2025 (मंगलवार) को होगी।
भारत सरकार के आधिकारिक छुट्टी कैलेंडर में ईद-उल-फितर की छुट्टी 31 मार्च 2025 (सोमवार) को घोषित की गई है। हालांकि, ईद का अंतिम फैसला चांद देखने के आधार पर होगा। जिस दिन चांद दिखाई देता है, उसके अगले दिन ईद मनाई जाती है।
खगोलविदों के अनुसार, पाकिस्तान में ईद 31 मार्च 2025 को मनाई जा सकती है, क्योंकि वहां चांद 29 मार्च को नजर आने की संभावना है। दूसरी ओर, सऊदी अरब में 29 मार्च को चांद दिखने की संभावना कम है, इसलिए वहां भी ईद 31 मार्च को ही होने की संभावना है।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रमजान 1 मार्च 2025 से शुरू हुआ था। वहां सरकार ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि अगर ईद 30 मार्च को होती है, तो छुट्टियां 30, 31 मार्च और 1 अप्रैल को होंगी। अगर रमजान का महीना 30 दिनों का होता है, तो छुट्टियां 2 अप्रैल तक बढ़ सकती हैं।
ईद-उल-फितर मुसलमानों के लिए आस्था, समर्पण और खुशियों का त्योहार है। इस दिन की खासियतों कि बात करें तो यह रमजान के समापन का दिन होता है। 30 दिनों के रोजे और इबादत के बाद यह दिन एक बड़े जश्न के रूप में मनाया जाता है। जकात और सदका की परंपरा इसे और खास बनाती है। जिसमें ईद से पहले जरूरतमंदों को दान (फितरा) दिया जाता है, ताकि हर कोई इस खुशी में शामिल हो सके। इस दिन मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष ईद की नमाज अदा की जाती है। खुशियों को सेलिब्रेट करने के लिए खासतौर पर सेवइयां (Sheer Khurma) बनाई जाती हैं, जो इस त्योहार की शान होती हैं। रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलना, गले लगकर मुबारकबाद देना और प्यार बांटना इस दिन की परंपरा होती है। ईद-उल-फितर सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि खुशी और भाईचारे का संदेश देने वाला दिन है। इस दिन दुनिया भर में मुसलमान एक साथ मिलकर खुशी मनाते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं।