Guru Bhajan Hindi Lyrics: ‘गुरु मेरी पूजा-गुरु गोबिंद’, गुरु के ये 5 भजन सुन आप भी खो जाएंगे भक्ति में

Guru Bhajan Hindi Lyrics: हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना गया है। हर साल गुरु के सम्मान में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा पर्व 3 जुलाई, सोमवार को मनाया जा रहा है। इस दिन लोग अपने-अपने गुरुओं की पूजा करते हैं।

 

Manish Meharele | Published : Jul 3, 2023 5:11 AM IST

उज्जैन. इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 3 जुलाई, सोमवार को मनाया जा रहा है। इस दिन गुरु की पूजा का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर है क्योंकि भगवान को पाने मार्ग गुरु ही हमें बताता है। गुरु की महिमा बताने के लिए अनेक सुमधुर भजनों की रचना भी की गई है। (Guru Bhajan Hindi Lyrics) ये भजन यदि गुरु पूर्णिमा पर गाएं जाएं या सुने जाएं तो गुरु की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी। ये हैं गुरु के 5 फेमस भजन…

भजन-1
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
गुरु मेरा देव अलख अभेव
सरब पूज्य, चरण गुरु सेवू
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु बिन अवर नहीं मैं थाओ
अन दिन जपो, गुर गुर नाओ
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु मेरा ग्यान, गुरु रिदे धयान
गुरु गोपाल पुरख भगवान्
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु की सरन रहूँ कर जोर
गुरु बिना मैं नाही होर
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु बोहित तारे भव पार
गुरु सेवा ते यम छुटकार
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
अन्धकार में गुरु मन्त्र उजारा
गुरु कै संग सगल निस्तारा
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु पूरा पाईये वडभागी
गुरु की सेवा दुःख ना लागी
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु का सबद ना मेटे कोई
गुरु नानक नानक हर सोए
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत

भजन- 2
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
जिस दिन से पी लिया है,
तेरे नाम का यह प्याला,
मुझको खबर नहीं है,
मेरा दिल किधर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
तूने हाथ जिसका थामा,
बंदा बना प्रभु का,
हुई नज़र जिस पे तेरी,
समझो के तर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
तेरी चरण धूलि जब से,
मस्तक को छू गयी है,
मेरी तकदीर बदल गयी है,
जीवन सवार गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||

भजन- 3
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
मैं हूँ दीन तो सतगुरु दयालु,
किरपा है करते बनके कृपालु,
गुरुवर की सेवा ही,
सबसे है ऊँचा काम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
सतगुरु में देखूं मथुरा और काशी,
आत्मा मेरी है सतगुरु की दासी,
गुरु में ही देखे है,
मैंने शिव और राम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
नैनो में बसे गुरु जय हो जय हो,
दिल कहूं गुरु जय हो जय हो,
गुरु के बिना नहीं,
जग में कही आराम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
कमल कपिल पूरी संत सयाने,
भक्तों के रहते है बनके मुहाने,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||

भजन-4
ऐ री मेरे सतगुरु कृपा निधान,
सतगुरु कृपा निधान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
मोह माया के फंद छुडावे,
मोह माया के फंद छुडावे,
हरि मिलन की लगन लगावे,
हरि मिलन की लगन लगावे,
करे हर विपदा निदान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
श्री गुरु ही सतमार्ग दिखावे,
श्री गुरु ही सतमार्ग दिखावे,
भजन साधन की रीत सिखावे,
भजन साधन की रीत सिखावे,
श्री गुरु मेरे भगवान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
श्री गुरु चरणों में जिसका ठिकाना,
श्री गुरु चरणों में जिसका ठिकाना,
उस पे लुटाया किरपा का खजाना,
उस पे लुटाया किरपा का खजाना,
हर पल रखते ध्यान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
प्रभु नाम का अमृत पिला के,
प्रभु नाम का अमृत पिला के,
चित्र विचित्र को अपना बना के,
चित्र विचित्र को अपना बना के,
पागल किया कल्याण,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
ऐ री मेरे सतगुरु कृपा निधान,
सतगुरु कृपा निधान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||

भजन-5
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे हो तुम गूरूदेवा लगाकर मन करूँ सेवा,
जगा दो ज्ञान की ज्योति, चमन गुलज़ार हो जाए || ||
दया के आप हो सागर मेरी भरदो प्रभु गागर,
बहा दो प्रेम की गँगा बेड़ा पार हो जाये || ||
फँसे है मोह माया में, बिठा लो चरण छाया में,
शरण तेरी जो आ जाए, कमल गुलज़ार हो जाए || ||
मेरे गुरु देव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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