अग्नि से पैदा हुआ था महाभारत का ये योद्धा, जानें किसने काटा था इसका सिर?

Interesting facts about Mahabharata: महाभारत में अनेक वीर योद्धाओं का वर्णन मिलता है। ऐसे ही एक योद्धा थे धृष्टद्युम्न। ये युद्ध में पांडवों के सेनापति थे। ये द्रौपदी और शिखंडी के भाई भी थे। इनके जन्म और मृत्यु का किस्सा भी बड़ा रोचक है।

 

Manish Meharele | Published : Sep 24, 2024 6:08 AM IST

Interesting facts about Dhrishtadyumna: महाभारत के अनुसार, जब कौरव और पांडवों के बीच युद्ध होना तय हो गया तब कौरवों की ओर से भीष्म पितामाह को सेनापति बनाया गया। ऐसे में पांडवों के लिए अपना सेनापति चुनना काफी कठिन था। इस स्थिति में भगवान श्रीकृष्ण ने पांचाल देश के युवराज धृष्टद्युम्न का नाम सूझाया, जो द्रौपदी के भाई भी थे। इस तरह पांडवों को अपना सेनापति मिला। धृष्टद्युम्न से जुड़ी और भी रोचक बातें हैं, जिनके बारे में आगे जानिए…

अग्निकुंड से हुआ था जन्म
महाभारत के अनुसार, राजा द्रुपद गुरु द्रोणाचार्य से बदला लेना चाहते थे। इसके लिए राजा द्रुपद ने ऋषि याज से एक यज्ञ करवाया, जिससे उन्हें द्रोणाचार्य को मारने वाला पुत्र मिल सके। इसी यज्ञ की अग्नि से एक वीर पराक्रमी योद्धा प्रकट हुआ। उस योद्धा के सिर पर मुकुट और शरीर पर कवच था। इसके बाद उस यज्ञ की अग्नि से एक सुंदर कन्या भी निकली। तभी आकाशवाणी हुई कि यह कुमार द्रोणाचार्य को मारने के लिए ही उत्पन्न हुआ है। द्रुपद ने उस योद्धा का नाम धृष्टद्युम्न और कन्या का नाम द्रौपदी रखा।

Latest Videos

गुरु द्रोणाचार्य से ली थी शिक्षा
धृष्टद्युम्न ने भी कौरव और पांडवों की तरह गुरु द्रोणाचार्य से ही शिक्षा प्राप्त की थी। गुरु द्रोणाचार्य जानते थे कि धृष्टद्युम्न का जन्म उनके वध के लिए ही हुआ है, इसके बाद भी उन्होंने धृष्टद्युम्न को शस्त्र विद्या सीखाने में कोई पक्षपात नहीं किया। युद्ध के समय जब सेनापति बनाने की बारी आई तो पांडवों ने इसके लिए धृष्टद्युम्न को चुना। युद्ध के दौरान कौरव सेना के कईं सेनापति बदल गए लेकिन धृष्टद्युम्न शुरू से अंत तक पांडवों के सेनापति रहे।

छल से किया गुरु द्रोणाचार्य का वध
भीष्म पितामाह के बाद गुरु द्रोणाचार्य कौरवों के सेनापति बने। सेनापति बनते ही उन्होंने पांडवों की सेना का सफाया करना शुरू कर दिया। गुरु द्रोणाचार्य को मारने के लिए पांडवों ने अश्वत्थामा के मरने की बात फैला दी। द्रोणाचार्य अपने पुत्र अश्वत्थामा से बहुत प्यार करते थे। उसकी मृत्यु की खबर उन्होंने अपने अस्त्र रख दिए और उसी समय धृष्टद्युम्न ने उनका वध कर दिया।

कैसे हुई धृष्टद्युम्न की मृत्यु?
युद्ध समाप्त होने के बाद कौरव सेना की ओर से अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा ही जीवित बचे थे। दुर्योधन के कहने पर अश्वत्थामा ने रात में पांडवों के शिविर पर हमला कर दिया। उस समय पांडव वहां नहीं थे और अन्य योद्धा सो रहे थे। अश्वत्थामा ने सो रहे कईं योद्धाओं की हत्या कर दी। अश्वत्थामा ने को जब धृष्टद्युम्न को देखा तो उसे पीटना शुरू कर दिया। उसके बाद उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।


ये भी पढ़ें-

द्रौपदी पर बुरी नजर डालने वाले 'कीचक' का सिर्फ ये 7 लोग कर सकते थे वध


कहां के राजा थे ‘मामा शकुनि’, क्यों चाहते थे पांडवों का सर्वनाश?


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

US Election Results 2024: Donald Trump ने कैसे दर्ज की ऐतिहासिक जीत? 5 वजह आईं सामने
शिवराज सिंह को मिला अम्मा का प्यार, बीच सड़क पर दे दिया खास तोहफा #Shorts
आखिर क्यों CM योगी ने महाअघाड़ी गठबंधन को बताया महाअनाड़ी गठबंधन #Shorts
अमेरिका की सेकंड लेडी बनने जा रहीं Usha Chilukuri Vance, क्या है भारत से खास रिश्ता
Donald Trump Victory: अमेरिकी चुनावों में ट्रंप की जीत पर Hamas ने दिया रिएक्शन ? | US Election 2024