कौन था दुर्योधन का वो भाई जिसकी मौत पर विचलित हो गए थे पांडव?

Mahabharat Facts: महाभारत के अनुसार, दुर्योधन सहित गांधारी के 100 पुत्र थे। इनमें से एक का नाम विकर्ण भी था। जब दु:शासन भरी सभा में द्रौपदी का वस्त्र हरण कर रहा था, तब विकर्ण ने इसका विरोध किया था।

 

Interesting facts about Mahabharata: महाभारत में कईं ऐसे पात्र हैं जिनके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है, जबकि कईं स्थानों पर इन पात्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसा ही एक पात्र है विकर्ण। ये दुर्योधन के 100 भाइयों में से एक था। विकर्ण अपने अन्य भाइयों की अपेक्षा अधिक बुद्धिमान था और धर्म की समझ रखता था। जब भरी सभा में दु:शासन द्रौपदी का वस्त्रहरण कर रहा था, उस समय विकर्ण ने इसका विरोध भी किया था। आगे जानिए विकर्ण से जुड़ी खास बातें…

चीरहरण का किया था विरोध
महाभारत के अनुसार, गांधारी के 100 पुत्र और 1 पुत्री थी। इन 100 पुत्रों में से सबसे बड़ा दुर्योधन था और उनसे छोटा दु:शासन। इनके अलावा लोग गांधारी के अन्य किसी पुत्र के बारे में नहीं जानते। इन 100 पुत्रों में से एक नाम विकर्ण भी था। विकर्ण धर्म की समझ रखता था और उसे भले-बुरे का ज्ञान भी था। यही कारण है कि उसने भरी सभा में द्रौपदी के चीरहरण का विरोध किया था।

Latest Videos

क्या कहा था विकर्ण ने?
जब दु:शासन द्रौपदी को घसीटते हुए राजसभा में लेकर आया तब द्रौपदी ने वहां बैठे सभी लोगों से प्रश्न पूछा कि ‘जब महाराज युधिष्ठिर स्वयं को जुएं में हार चुके थे तो उस स्थिति में उन्हें मुझे दांव पर लगाने का अधिकार नहीं था, इस विषय पर यहां बैठे लोगों का कहना है।’ द्रौपदी की बात सुनकर पूरी सभा चुप हो गई, उस समय विकर्ण ने कहा कि ‘द्रौपदी ठीक बोल रही है, स्वयं के हारे जाने के बाद युधिष्ठिर को द्रौपदी को दांव पर अधिकार नहीं था।’ विकर्ण की बात सुनकर सभी ने उसकी प्रशंसा की लेकिन कर्ण ने डांटकर उसे चुप करवा दिया।

कैसे हुई विकर्ण की मृत्यु?
जब कौरव और पांडवों के बीच युद्ध होना तय हो गया तो विकर्ण ने अपने भाइयों का ही साथ दिया और दुर्योधन के पक्ष में युद्ध किया। विकर्ण ने पांडव पक्ष के अनेक योद्धाओं का वध किया, जिनमें चित्रयुद्ध और चित्रयोधिन शामिल थे। जब भीम ने देखा कि विकर्ण उनकी सेना को काफी नुकसान पहुंचा रहा है तो वे स्वयं उससे युद्ध करने के लिए आए। भीम ने विकर्ण ने समझाया कि वे इस युद्ध से हट जाए। तब विकर्ण ने कहा कि ‘आप अपना धर्म पूरी कीजिए और मैं अपना।’ इसके बाद विर्कण और भीम का भयंकर युद्ध हुआ। इस युद्ध में भीम के हाथों विकर्ण की मृत्यु हो गई। भीम के साथ-साथ अन्य पांडवों को भी विकर्ण की मृत्यु का दुख भी हुआ था।


ये भी पढ़ें-

कुरुक्षेत्र में ही क्यों हुआ महाभारत का भयंकर युद्ध? जानें इसके पीछे की रोचक कथा


गुरु द्रोणाचार्य को अंगूठा काटकर देने के बाद एकलव्य का क्या हुआ...?


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Waqf Amendment Bill: Lok sabha में कल 12 बजे पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, क्या बोले Kiren Rijiju
Rajysabha में Ramji Lal Suman की सुरक्षा पर क्या बोले Ramgopal Yadav ? Kharge का भी मिला साथ
कट्टर दुश्मन देश चीन-जापान और कोरिया क्यों आ गए साथ? Abhishek Khare
West Bengal के South 24 Parganas में बड़ा हादसा, 6 लोगों की गई जान, अब ऐसा है माहौल
PM Modi ने Hyderabad House में Chile के राष्ट्रपति Gabriel Boric से की मुलाकात