18 सितंबर को होगा 2024 का अंतिम चंद्र ग्रहण, क्या ये भारत में दिखेगा?

साल 2024 का अंतिम चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को होगा। यह एक उपच्छाया ग्रहण होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा। जानें इस ग्रहण का समय और क्या होगा इसका प्रभाव।

Manish Meharele | Published : Sep 1, 2024 9:39 AM IST / Updated: Sep 18 2024, 08:25 AM IST

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जानें चंद्र ग्रहण से जुड़े हर सवाल का जवाब

Chandra Grahan September 2024 Details: साल 2024 का अंतिम चंद्र ग्रहण सितंबर में होगा। सभी लोग इस चंद्र ग्रहण के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं जैसे ये ग्रहण कब होगा, ये कहां-कहां दिखाई देगा, क्या भारत में भी इसे देखा जा सकेगा। इसका समय क्या रहेगा आदि बहुत सी बातें हैं जिनके बारे में लोग जानना चाहते हैं। आज हम आपको साल 2024 के अंतिम चंद्र ग्रहण से जुड़ी हर बात बताएंगे।

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कब होगा 2024 का अंतिम चंद्र ग्रहण? (Chandra Grahan September 2024 Kab Hai)

ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, साल 2024 का अंतिम चंद्र ग्रहण 18 सितंबर, बुधवार को होगा। ये एक उपच्छाया ग्रहण होगा। इस दिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसके अगले दिन से ही श्राद्ध पक्ष की शुरूआत होगी। 18 सितंबर को होने वाला ये चंद्र ग्रहण कईं मायनों में काफी खास रहेगा।

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जानें चंद्र ग्रहण सितंबर 2024 की टाइमिंग (Chandra Grahan September 2024 Time)

भारतीय समय के अनुसार ये चंद्र ग्रहण 18 सितंबर, बुधवार की सुबह 06 बजकर 11 मिनिट से शुरू होगा जो 10 बजकर 17 मिनिट तक रहेगा। यानी इस ग्रहण की कुल अवधि 04 घंटे 06 मिनट की रहेगी। अलग-अलग देशों में इसके समय में परिवर्तन देखा जाएगा।

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क्या भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण सितंबर 2024? (Kya Bharat Mai Dikhega Chandra Grahan September 2024)

वैज्ञानिकों के अनुसार, 18 सितंबर 2024 को होने वाला ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। ये चंद्र ग्रहण आर्कटिक यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका की कुछ जगहों पर ही दिखाई देगा।

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क्या रहेगी सूतक की टाइमिंग? (Chandra Grahan September 2024 Sutak Time)

विद्वानों के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल इसके शुरू होने से 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। यानी जिन देशों में ये ग्रहण जिस समय दिखना शुरू होगा, उसके 9 घंटे पहले से इसका सूतक मान्य होगा। चूंकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक मान्य नहीं होगा।

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क्या होता है उपच्छाया ग्रहण?

खगोल विज्ञान में चंद्र ग्रहण के कईं प्रकार बताए गए हैं , इन्हीं में से एक है उपच्छाया ग्रहण। इस चंद्र ग्रहण के दौरान धरती के बाहरी हिस्से की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे इसकी सतह हल्की धुंधली दिखाई देने लगती है और ये मटमैला नजर आने लगता है। इसे ही उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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