सार

Ganesh Chaturthi 2024: हर साल गणेश चतुर्थी पर घर-घर में गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाती है। इन प्रतिमाओं का विसर्जन अनंत चतुर्दशी पर किया जाता है, लेकिन कुछ लोग 2 या 3 दिन में ही प्रतिमा विसर्जित कर देते हैं, जानें क्या है इसका कारण?

 

Ganesh Chaturthi Tradition: इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन घर-घर में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। 10 दिनों तक रोज इन प्रतिमाओं की पूजा की जाती है और अनंत चतुर्दशी पर इनका विसर्जन किया जाता है। लेकिन कुछ लोग 2 या 3 दिन पूजा करने के बाद ही गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर देते हैं। क्या आप जानते हैं इसके पीछे का कारण…

पहले सिर्फ एक दिन मनाते थे गणेश उत्सव
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कुछ सौ सालों पहले तक गणेश उत्सव सिर्फ एक ही दिन मनाया जाता था। उस समय मिट्टी की प्रतिमा लाने की परंपरा भी नहीं थी। लोग घर में स्थापित गणेश प्रतिमा की ही पूजा कर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाते थे। यदि कोई व्यक्ति मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाता भी था तो अगले दिन उसे विसर्जित कर देता था।

कैसे शुरू हुई 10 दिन गणेश उत्सव मनाने की परंपरा?
जब हमारे देश अंग्रेजों का गुलाम था, उस समय महान क्रांतिकारी बाल गंगाधर तिलक ने सार्वजनिक गणेश उत्सव मनाने की परंपरा शुरू की। सबसे पहले महाराष्ट्र में ये परंपरा शुरू हुई जो देखते ही देखते पूरे देश में फैल गई। इस उत्सव में क्रांतिकारी गणेश भक्तों के रूप में मिलकर देश को आजाद करवाने की योजनाओं पर विचार करते थे और अंग्रेजों को पता भी नहीं चलता था। इस तरह एक दिन मनाया जाने वाला गणेश उत्सव 10 दिन मनाया जाने लगा।

2 या 3 दिन में ही प्रतिमा का विसर्जन क्यों?
जब कोई व्यक्ति अपने घर में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करता है तो उसी समय वो पूजा में ये संकल्प भी लेता है कि कितने दिनों बाद वो ये प्रतिमा विसर्जित करेगा। उसी संकल्प के अनुसार, कुछ लोग 2 या 3 दिनों में ही गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर देते हैं। ये परंपरा महाराष्ट्र में देखने को मिलती है। विद्वानों के अनुसार ऐसा करना शास्त्रों के अनुकूल है।


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