ये 1 नाम लेने से भाग जाते हैं विषैले और खतरनाक सांप, जानें क्या है ये मान्यता?

Nagpanchami 2023: इस बार नागपंचमी का पर्व 21 अगस्त, सोमवार को है। इस दिन नागदेवता की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। नागों से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हमारे समाज में प्रचलित है। इनके पीछे कोई न कोई धार्मिक या मनोवैज्ञानिक पक्ष जुड़ा हुआ है।

 

Manish Meharele | Published : Aug 10, 2023 5:06 AM IST
15
कब है नागपंचमी?

हर साल सावन शुक्ल पंचमी तिथि को नागपंचमी (Nagpanchami 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 21 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा करना का विधान है। हमारे धर्म ग्रंथों में नागों से जुड़ी कई कथाएं बताई गई हैं। उन्हीं में से एक कथा नागदाह यज्ञ (Nagdah Yagya) की भी है। इस कथा में एक मुनि का वर्णन भी है। मान्यता है कि उनका नाम लेने से विषैले और खतरनाक सांप भी भाग जाते हैं। जानें कौन हैं वो ऋषि और इस कथा के बारे में…

25
राजा जनमेजय ने किया नागदाह यज्ञ

महाभारत के अनुसार, अर्जुन के पोते और अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग द्वारा काटने से हुई थी। ये बात जब उनके पुत्र राजा जनमेजय को पता चली तो उन्होंने नागदाह यज्ञ करने का निर्णय किया। जब नागदाह यज्ञ प्रारंभ हुआ तो उसकी अग्नि में बड़े-छोटे, वृद्ध, युवा सर्प आ-आकर गिरने लगे। यज्ञ के डर से तक्षक नाग देवराज इंद्र के यहां जाकर छिप गया।

35
आस्तिक मुनि ने रोक नागदाह यज्ञ

जब नागों के राजा वासुकि को नागदाह यज्ञ के बारे में पता चला तो वे अपनी बहन जरत्कारू के पुत्र आस्तिक मुनि के पास गए। आस्तिक मुनि बालक ही थे, लेकिन उन्हें सभी वेदों का ज्ञान था। आस्तिक मुनि नागदाह यज्ञ रोकने के लिए यज्ञ स्थल पर आए और यज्ञ की स्तुति करने लगे। यह देखकर वहां बैठे सभी संत-महात्मा उनकी प्रशंसा करने लगे।

45
राजा जनमेजय ने दिया वरदान

आस्तिक मुनि के मुख से यज्ञ की स्तुति सुन राजा जनमेजय ने उन्हें वरदान देने के लिए बुलाया। तब आस्तिक मुनि ने राजा जनमेजय से सर्प यज्ञ बंद करने का निवेदन किया। पहले तो जनमेजय ने इंकार किया लेकिन बाद में ऋषियों द्वारा समझाने पर वे मान गए। इस प्रकार आस्तिक मुनि ने सर्पों को भस्म होने से बचा लिया।

55
इसलिए इनका नाम लेने से भाग जाते हैं सांप

महाभारत के अनुसार, आस्तिक मुनि ने सर्प जाति का नाश होने से बचाया था, इसलिए सर्प भय के समय जो भी व्यक्ति आस्तिक मुनि का नाम लेता है, सांप उसे नहीं काटते। ऐसी भी मान्यता है कि यदि घर के बाहर आस्तिक मुनि का नाम लिखा जाए तो सर्प अंदर नहीं आते।


ये भी पढ़ें-

Nagpanchami 2023 Date: इस बार नागपंचमी पर दुर्लभ संयोग, जानें क्यों मनाया जाता है ये पर्व?


Nagpanchami 2023: सपने में दिखे सांप तो जानें ये किस बात का संकेत है?


इस नाग मंदिर में छिपे हैं कई ‘रहस्य’, साल में सिर्फ 1 दिन खुलता है


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

Read more Photos on
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos