September 2023 Festival Calendar: साल 2023 का नौवां महीना सितंबर कुछ ही दिनों बाद शुरू होने वाला है। ये महीना बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि इस महीने में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हरियाली तीज, गणेश चतुर्थी और श्राद्ध पक्ष आदि त्योहार मनाए जाएंगे।
उज्जैन. साल 2023 का नौवां महीना सितंबर कुछ ही दिनों बाद शुरू होने वाला है। इस महीने के पहले दिन से ही यानी 1 सितंबर से हिंदू पंचांग का छठा महीना भादौ भी शुरू हो जाएगा। त्योहारों के दृष्टिकोण से ये महीना बहुत ही खास रहेगा क्योंकि इस महीने में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हरियाली तीज, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार मनाए जाएंगे। श्राद्ध पक्ष की शुरूआत भी इसी महीने से होगी। आगे जानिए सितंबर 2023 में मनाए जाने वाले सारे त्योहारों की डिटेल…
सितंबर मास के व्रत-त्योहारों की लिस्ट (September 2023 Festival List)
2 सितंबर, शनिवार- कजरी तीज
3 सितंबर, रविवार- बहुला चतुर्थी व्रत
4 सितंबर, सोमवार- गोगा पंचमी
5 सितंबर, मंगलवार- हरछठ
7 सितंबर, गुरुवार- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
8 सितंबर, शुक्रवार- गोगा नवमी
10 सितंबर, रविवार- जया एकादशी
11 सितंबर, सोमवार- गोवत्स द्वादशी
12 सितंबर, मंगलवार- प्रदोष व्रत
13 सितंबर, बुधवार- मासिक शिवरात्रि व्रत
14 सितंबर, गुरुवार- कुशग्रहणी अमावस्या
15 सितंबर, शुक्रवार- स्नान-दान अमावस्या, तान्हा पोला
17 सितंबर, रविवार- विश्वकर्मा पूजा
18 सितंबर, सोमवार- हरितालिका तीज
19 सितंबर, मंगलवार- गणेश चतुर्थी
20 सितंबर, बुधवार- ऋषि पंचमी
21 सितंबर, गुरुवार- संतान सातें, मोरयाई छठ
22 सितंबर, शुक्रवार- राधा अष्टमी
24 सितंबर, रविवार- तेजा दशमी
25 सितंबर, सोमवार- जलझूलनी एकादशी
27 सितंबर, बुधवार- प्रदोष व्रत
28 सितंबर, गुरुवार- अनंत चतुर्दशी
29 सितंबर, शुक्रवार- श्राद्ध पक्ष आरंभ
10 दिन का रहेगा गणेश उत्सव
सितंबर में गणेश उत्सव मनाया जाएगा। गणेश उत्सव की शुरूआत 19 सितंबर से होगी जो 28 सितंबर तक रहेगा। इन 10 दिनों में प्रतिदिन भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाएगी और धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। कुछ पंचांगों में गणेश चतुर्थी को लेकर मतभेद हो सकते हैं। 19 सितंबर को ही ऋषि पंचमी का पर्व भी मनाया जाएगा। इसे लेकर भी असमंजस की स्थिति बनती दिखाई दे रही है।
श्राद्ध पक्ष की शुरूआत भी इसी महीने
29 सितंबर में ही 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाएंगे। प्रथम तिथि का श्राद्ध सितंबर के अंतिम दिन यानी 30 तारीख को किया जाएगा। श्राद्ध पक्ष में लोग अपने मृत पितरों की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण आदि करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।