Hari-har Milan: मध्य प्रदेश के उज्जैन में 14 नवंबर, गुरुवार की रात अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां भगवान महाकाल स्वयं विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के पास आए और उन्हें सृष्टि का भार सौंपा। हजारों लोग इस हरि-हर मिलन के साक्षी बने।
Hari-har Milan Video In Ujjain: 14 नवंबर, गुरुवार को वैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर उज्जैन में हरि-हर मिलन की परंपरा निभाई गई। इस दौरान भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर गोपाल मंदिर आए और भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को सृष्टि का भार सौंपा। इस दौरान भगवान महाकाल ने गोपालजी को तुलसी की माला और गोपालजी ने महाकाल को बिल्व पत्र की माला भेंट की। हजारों लोगों ने इस अद्भुत दृश्य को देखा।
क्या है हरि-हर मिलन की परंपरा?
मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु अगले 4 महीनों के लिए पाताल में शयन करते हैं। इन 4 महीनों को चातुर्मास कहते हैं, इन दिनों सृष्टि चलाने की जिम्मेदारी महादेव के पास होती है। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु नींद से जागते हैं और इसके 2 दिन बाद यानी वैकुंठ चतुर्दशी पर महादेव सृष्टि का भार पुन: उन्हें सौंप देते हैं। इसी मान्यता के चलते उज्जैन में हरि-हर मिलन की परंपरा निभाई जाती है जिसके अंतर्गत महाकाल स्वयं गोपालजी से मिलने जाते हैं।
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