Achievements@75 में देखें भारतीय की बैडमिंटन क्वीन साइना नेहवाल के अचिवमेंट्स

भारतीय बैडमिंटन संसेशन साइना नेहवाल आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। भले ही वह इस साल राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं है लेकिन इस खिलाड़ी ने भारत के लिए कई अद्वितीय जीत हासिल की। आइए आज Achievements@75 सीरीज में हम आपको बताते हैं साइना नेहवाल के बारे में।

Asianet News Hindi | / Updated: Aug 08 2022, 07:00 AM IST

स्पोर्ट्स डेस्क : जब भारत के लोकप्रिय बैडमिंटन खिलाड़ियों की बात आती है तो साइना नेहवाल (saina nehwal) का नाम सबसे पहले जहन में आता है। उन्होंने कई अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की जीत का परचम लहराया। आज जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) मना रहा है, तो Achievements@75 सीरीज में आज हम आपको बताते हैं, भारत की बैडमिंट क्वीन साइना नेहवाल के बारे में....

ऐसे हुई साइना नेहवाल के करियर की शुरुआत
साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 में हरियाणा के हिसार में हुआ था। उनके पिता हरवीर सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में काम करते थे। वहीं उनकी मां उषा रानी भी स्टेट लेवल बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं। बचपन से ही वह चाहती थी कि उनकी बेटी बैडमिंटन खिलाड़ी बनें। साइना सिर्फ बैडमिंटन ही नहीं बल्कि कराटे में भी ब्राउन बेल्ट हासिल कर चुकी हैं। बचपन में ही साइना के परिवार का ट्रांसफर हैदराबाद हो गया था। जहां साइना को प्रैक्टिस के लिए घर से 25 किलोमीटर दूर जाना था। रोज सुबह 4:00 बजे उनके पिता उन्हें स्कूटर से वहां लेकर जाते थे, तो कभी मां उन्हें बस में बिठाकर 25 किलोमीटर दूर ट्रेनिंग पर ले जाती थी। 2 घंटे बैडमिंटन की प्रैक्टिस करने के बाद साइना स्कूल जाती और अपनी पढ़ाई पूरी करती। सालों तक इसी तरह मेहनत करने के बाद साइना को 2003 में जूनियर सीजेक ओपन में पहला टूर्नामेंट खेलने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने जीत भी हासिल की।

साइना नेहवाल के 5 सबसे बड़े अचिवमेंट्स
2010 में कॉमनवेल्थ गोल्ड

साइना नेहवाल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने साल 2010 में नई दिल्ली आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में मलेशिया की मेव चू वोंग को हराकर ये मुकाम हासिल किया था। 

2012 में ओलंपिक कांस्य
2012 में लंदन ओलंपिक में साइना नेहवाल ने एक और इतिहास रचा। वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। उन्होंने डच याओ जी को 21-15, 22-20 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाने के बाद कांस्य पदक हासिल किया। 

2014 में चीन ओपन गोल्ड
2014 में चीन ओपन टूर्नामेंट में साइना नेहवाल ने फाइनल में जापान की अकाने यामागुची को हराकर इस सुपरसीरीज में स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने फाइनल में 42 मिनट में 21-12, 22-20 से जीत दर्ज कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 

2015 में BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप सिल्वर
साइना 2015 में BWF विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने और फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। हैदराबाद में जन्मी खिलाड़ी जकार्ता में फाइनल में पहुंची। हालांकि, वह इस दौरान गोल्ड जीतने से चूक गईं। लेकिन पी.वी. सिंधु ने 2019 में इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता।

साइना के राष्ट्रीय पुरस्कार
साइना नेहवाल के बैडमिंटन में योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें कई नागरिक पुरस्कार प्रदान किए। उन्हें 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके बाद 2010 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 2016 में, उन्हें भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण मिला। 

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