टी20 और वनडे क्रिकेट में क्यों किया जाता है सफेद गेंद का इस्तेमाल?

क्रिकेट में लाल, सफेद और गुलाबी गेंदों का इस्तेमाल क्यों होता है? जानिए इनके पीछे के रोचक कारण और इतिहास। कब हुई इन गेंदों की शुरुआत और क्या है इनका महत्व?

Sports Desk: भारत का राष्ट्रीय खेल भले ही हॉकी है, लेकिन यहां क्रिकेट प्रेमियों की संख्या काफी ज्यादा है। क्रिकेट मैच देखने का क्रेज लोगों में कभी कम नहीं हुआ है। खासकर कोई बड़ा इवेंट और ब्लॉकबस्टर मुकाबला हों, तो लोग अपने स्क्रीन के सामने टकटकी लगाकर बैठ जाते हैं। क्रिकेट मैच के यदि आप दीवाने हैं, तो आपको यह पता होगा कि T20 और वनडे फॉर्मेट में व्हाइट गेंद का इस्तेमाल होता है। वहीं, टेस्ट क्रिकेट लाल बॉल से खेला जाता है। लेकिन क्या आपको इस बात का अंदाजा है कि आखिर यह मैच तो क्रिकेट का ही है पर अलग-अलग कलर के गेंद से क्यों खेला जाता है? आईए इसके बारे में हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं।

क्रिकेट के खेल में उपयोग की जाने वाली गेंद की संरचना काफी कठोर होती है। गेंद का निर्माण करने के लिए कर्क और चमड़े का इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान में इस खेल में तीन कलर की गेंदों को शामिल किया गया है। जिसमें रेड बॉल, व्हाइट बॉल और पिंक बॉल का नाम आता है। इस गेंद का वेट 155.9 से 163 ग्राम के बीच में होता है।

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सफेद गेंद का प्रचलन क्रिकेट में कब आया?

पहले के समय में सिर्फ लाल रंग के गेंद से ही क्रिकेट खेली जाती थी, जो 28 नवंबर 1978 तक इस खेल में इस्तेमाल किया गया। एक बार वर्ल्ड सीरीज का एकदिवसीय मुकाबले वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाना था। इस मैच के लिए फ्लड लाइट का इस्तेमाल किया जा रहा था। जिसके चलते व्हाइट बॉल को खेल में लाया गया। सफेद गेंद का इस्तेमाल छोटे फॉर्मेट में इसीलिए किया जाता है, ताकि खिलाड़ियों को रोशनी में गेंद आसानी से दिखाई दे सके। इन सफेद गेंद को हरे गहरे रंग के धागे से सिला जाता है। इस समय सभी वनडे और t20i मुकाबला इसी गेंद से खेले जाते हैं।

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पहली बार कब खेला गया पिंक बॉल से क्रिकेट?

वहीं, पिंक बॉल का इस्तेमाल ज्यादातर डे नाइट टेस्ट मुकाबलों के लिए किया जाता है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि मैदान में फ्लड लाइट के बीच खिलाड़ियों को गेंद अच्छे से दिखाई दे सके। गुलाबी गेंद का इस्तेमाल सबसे पहले साल 2009 में किया गया था। वनडे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की महिला खिलाड़ी इस गेंद से खेलने उतरी थी। काले रंग के धागे से शीला गया यह गुलाबी गेंद रोशनी में अच्छी तरह से दिखाई देता है।

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