
पटना। बिहार में अगले दस दिनों के भीतर ईद, चैती नवरात्र, चैती छठ और रामनवमी जैसे प्रमुख फेस्टिवल मनाए जाएंगे। ऐसे में प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। इन त्योहारों के दौरान किसी भी तरह की हिंसा या सांप्रदायिक तनाव न हो, इसके लिए पहले से ही सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पिछली घटनाओं से सीख लेते हुए इस बार पहले से ही सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। एडीजी (विधि-व्यवस्था) पंकज कुमार दराद और एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने यह जानकारी दी।
रामनवमी के दौरान पिछली घटनाओं से सबक
पिछले वर्ष रामनवमी के दौरान राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा हुई थी। इसे ध्यान में रखते हुए इस बार पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। एडीजी पंकज दराद ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने इस बार पहले से ही उपद्रवी तत्वों की पहचान कर ली है और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कई जगहों पर संदिग्ध लोगों को थानों में बुलाकर उनसे बॉन्ड भरवाया जा रहा है ताकि वे किसी भी तरह के उपद्रव में शामिल न हों। इस बार राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कुल 12 कंपनियों की तैनाती की गई है। इसमें रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की दो कंपनियां भी शामिल हैं। इसके अलावा, पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षणरत पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है।
ध्वनि सीमा से अधिक डीजे बजाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
धार्मिक जुलूसों में डीजे के उपयोग को लेकर इस बार प्रशासन ने सख्त नियम बनाए हैं। एक निश्चित सीमा से अधिक ध्वनि में डीजे बजाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं जो हर जगह जांच करेंगी कि कहीं भी निर्धारित ध्वनि सीमा का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। अगर कोई डीजे संचालक या आयोजक नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तय रूट के अलावा जुलूस निकालने पर कार्रवाई
धार्मिक जुलूसों को केवल प्रशासन द्वारा तय किए गए मार्गों से ही गुजरने की अनुमति दी गई है। अगर कोई भी व्यक्ति या संगठन बिना अनुमति लिए जुलूस निकालता है तो उसे अवैध माना जाएगा और तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
भड़काऊ गानों पर विशेष निगरानी
पिछले कुछ वर्षों में धार्मिक जुलूसों के दौरान भड़काऊ गाने बजाने की घटनाएं सामने आई थीं, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था। इसे रोकने के लिए इस बार पुलिस हर जुलूस पर विशेष नजर रखेगी। अगर किसी भी जुलूस में आपत्तिजनक गाने बजाए जाते हैं तो आयोजकों पर कार्रवाई होगी।
इन जिलों में विशेष सतर्कता के निर्देश
राज्य के कुछ जिले जैसे गया, नालंदा, दरभंगा, समस्तीपुर, मुंगेर, खगड़िया और रोहतास को विशेष रूप से संवेदनशील माना गया है। इन जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। पिछले साल इन जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं। सभी संवेदनशील इलाकों में दंगारोधी उपकरणों जैसे हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर और आंसू गैस के गोले से लैस सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
सार्वजनिक स्थानों पर नमाज के लिए प्रशासनिक अनुमति जरूरी
ईद के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हर जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, जहां पुलिस, एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी।
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