दिल्ली के सुल्तानपुरी में एक व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों पर अपनी जुड़वां नवजात बेटियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप। मामले में दहेज उत्पीड़न, लिंग वरीयता और शिशु हत्या के गंभीर आरोप। जानें क्या है पूरा मामला।
दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के सुल्तानपुरी में एक व्यक्ति और उसके परिवार के चार सदस्यों पर अपनी नवजात जुड़वां बेटियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने अगस्त में रोहिणी कोर्ट में दाखिल 800 पन्नों की चार्जशीट में खुलासा किया कि परिवार लड़कियों के जन्म से नाखुश था और अपने अपराध को छुपाने के लिए कथित तौर पर उनकी हत्या करने और उन्हें दफनाने से पहले जानबूझकर उनकी देखभाल में लापरवाही बरती।
हरियाणा के रोहतक के एक अस्पताल में 30 मई 2024 को पूजा और नीरज सोलंकी के घर जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ। हालांकि कुछ ही दिनों बाद 1 जून को उनकी हत्या कर दी गई। नीरज और उसके परिवार ने पूजा और नवजात शिशुओं को रोहतक के इस्माइला में उसके माता-पिता के घर ले जाने के बहाने अस्पताल से उठाया। उसके बाद वो लोग पूजा को मायके ले जाने के बजाय वे सुल्तानपुरी ले गए, जहां कथित तौर पर दोनों शिशुओं की हत्या कर दी गई और उन्हें दफना दिया गया।
चार्जशीट में दावा किया गया है कि अपराध पूर्व नियोजित था, जिसमें परिवार ने शिशुओं को आवश्यक चिकित्सा और पोषण संबंधी देखभाल से वंचित रखा। मुख्य आरोपी के रूप में पहचाने जाने वाले बच्चियों के पिता नीरज ने शिशुओं की उपेक्षा की, उनकी हत्या में मदद की और अपनी पत्नी को बताए बिना उनके शवों को दफना दिया। उसके पिता विजेंद्र सोलंकी ने नवजात शिशुओं के शवों को दफनाने में सहायता की, जबकि उसकी मां चांद कौर ने बच्चों को इस कृत्य के लिए नीरज को सौंप दिया। उसके भाई दिनेश और भाभी मोनिका भी अपराध में शामिल हैं।
बीएससी स्नातक पूजा, जिसने 2 फरवरी 2022 को नीरज से शादी की थी। उसने आरोप लगाया कि उसे दहेज के लिए लगातार प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। चार्जशीट में एक लड़के के लिए परिवार की प्राथमिकता का भी उल्लेख किया गया है। गर्भावस्था के दौरान पूजा पर लिंग निर्धारण टेस्ट कराने का दबाव डाला गया, जिसे उसने प्रतिकूल रिजल्ट के डर से मना कर दिया। आरोपपत्र में परिवार द्वारा अपने कार्यों को छिपाने के लिए जानबूझकर उठाए गए कदमों को दिखाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार शिशुओं को गुप्त रूप से दफनाया गया था और सबूतों को उजागर होने से रोकने के लिए नष्ट कर दिया गया था। यह मामला जून में सामने आया, जिसने समाज के कुछ हिस्सों में अभी भी प्रचलित लैंगिक भेदभाव और दहेज संबंधी हिंसा की गंभीर वास्तविकताओं को प्रकाश में लाया। नीरज, उसके माता-पिता विजेंद्र और चांद कौर, उसके भाई दिनेश और भाभी मोनिका सहित आरोपियों पर हत्या, भ्रूण हत्या, शिशुहत्या, दहेज उत्पीड़न और सामान्य इरादे से संबंधित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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