
हरियाणा। इन दिनों किसान आंदोलन काफी ज्यादा जोर-शोर से चल रहा है। शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों ने सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी किया हुआ है। पंजाब के किसान जहां केंद्र सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जता रहे हैं। वहीं, हरियाणा में किसानों की मौज हो गई है। हरियाणा में किसानों की 24 फसलों की एमएसपी को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकारी एजेंसियां पहले 14 फसलें खरीद रही थी, लेकिन अब 10 फसलें और एमएसपी के आधार पर खरीदेगी। 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने अधिसूचना जारी की है।
रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना शामिल हैं। भारतीय खाद्य निगम, भारतीय कपास निगम, भारतीय जूट निगम, केंद्रीय भंडारण निगम, राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ, राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ केंद्र सरकार की तरफ से अलग-अलग फैसले खरीद सकती है। वैसे देखा जाए तो किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के किसानों को राहत देने वाली ये सुविधा साबित हुई है। ताकि किसानों का विश्वास सरकार पर बना रहें।
इतना ही नहीं हरियाणा में ठेके पर जमीन लेकर जो किसान खेती कर रहे हैं। उनके लिए भी खुशखबरी लेकर सरकार आई है। अब वो आसानी से बैंकों से लोन ले सकेंगे। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा में यदि फसले खराब हो जाती है तो मुआवजा भी जमीन मालिक को नहीं बल्कि पट्टाधारी किसानों को मिलेगा। सरकार ने नया नियम लागू किया है, जिसके चलते किसान औऱ भूमि के मालिक के बीच का विवाद भी खत्म हो जाएगा। शीतकालीन सत्र में पारित कृषि भूमि पट्टा कानून को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने स्वीकृति दे दी है।
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