नूंह दंगा Emotional Stories: मोनू मानेसर की ब्लैक टी-शर्ट का क्या है कनेक्शन, 3 घंटे मुस्लिम फैमिली में फंसे पिता-बेटे की जुबानी

हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को VHP की 'ब्रजमंडल यात्रा' में शामिल श्रद्धालुओं पर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा किए गए हमले के दौरान के कई चौंकाने वाले किस्से सामने आ रहे हैं।

नूंह. हरियाणा के नूंह(मेवात) में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद(VHP) और बजरंग दल की 'ब्रजमंडल यात्रा' में शामिल हजारों हिंदू श्रद्धालुओं पर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा किए गए हमले के दौरान के कई चौंकाने वाले किस्से सामने आ रहे हैं। उपद्रव के बीच हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों से कई लोग मानवता बचाने आगे आए। यह कहानी भी ऐसी है।

नूंह साम्प्रदायिक हिंसा की इमोशनल कहानी

Latest Videos

नूंह में जहां उपद्रवी इंसानियत-मानवता भूलकर मारकाट-आगजनी में लगे थे, ऐसे में दो मुस्लिम परिवारों ने एक हिंदू पिता-बेटे की जान बचाई। करण अपने बेटे विवेक के साथ पिनांगवान गए थे वहां से नूंह पहुंचे, लेकिन वहां हिंसा भड़की हुई थी। घबराहट में उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। फिर भी डरते हुए पिता-बेटे ने एक मुस्लिम परिवार का दरवाज़ा खटखटाया। उस परिवार ने इन्हें सुरक्षा दी।

नूंह हिंसा में बजरंग दल मेंबर मोनू मानेसर क्यों चर्चा में है?

नूंह हिंसा में अपनी जान बचने के बाद करण ने मीडिया से कहा कि उनके बेटे विवेक ने काली शर्ट पहनी थी, उपद्रवी काली शर्ट वालों को चुन-चुनकर निशाना बना रहे थे। वजह, यात्रा के दिन बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर के समर्थकों ने भी कथित तौर पर काली शर्ट पहन रखी थी। करण के मुताबिक, उपद्रवियों की भीड़ ने उनकी गाड़ी रोकी ओर आग लगा दी, क्योंकि उस पर धार्मिक स्टिकर लगे थे।

करण के अनुसार, दंगाइयों से बचने वे और बेटा विवेक एक घर के पास पहुंचे। वो मुस्लिम परिवार था। उस परिवार ने उन्हें हिंसक भीड़ से बचाया। वे करीब तीन घंटे उस परिवार के साथ रहे। उस परिवार ने विवेक को एक नई शर्ट भी दी, ताकि बाहर जाने पर उसे परेशानी न हो।

नूंह हिंसा: हरियाणा पुलिस क्यों सवालों के घेरे में?

एक डीएसपी और एक कांस्टेबल ने भी करण और विवेक के साथ उसी मुस्लिम परिवार के घर में शरण ली थी। बाद में जब हरियाणा पुलिस की गाड़ी वहां पहुंची तो पिता-पुत्र घर से चले गए। लेकिन, करण ने आरोप लगाया कि पुलिस वाहन ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर न ले जाकर हिंसा के बीच ही उतार दिया।

हालांकि, करण और उनका बेटा मिनी सचिवालय के पास अपने परिचित हामिद के घर तक पहुंचने में कामयाब रहे, जहां उन्हें फिर से आश्रय मिला। बाद में हामिद ने करण और विवेक दोनों को सोहना स्थित उनके आवास पर सुरक्षित छोड़ दिया।

यह भी पढ़ें

नूंह दंगा: 800-900 दंगाइयों ने मंदिर को घेर लिया था, मारे गए बजरंग दल कार्यकर्ता के भाई ने सुनाई खौफनाक कहानी

हरियाणा नूंह हिंसा का अपडेट

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट