
जम्मू में मॉनसून की मार और बारीश की तबाही की यह सिर्फ बानगी भर हैं। कुदरत की मार जम्मू में ऐसी, कि जहां पहले कभी सड़कें थीं आज जहां तक नजरें जा सकती हैं वहां तक सिर्फ बाढ़ का पानी दिखाई दे रहा है... बाढ़ का पानी रास्ता खुद बनाते हुए रिहायशी इलाकों, मार्केट, कॉलोनियों में घुसा और लोगों को अपने घरों से बाहर आने पर मजबूर किया। पानी से बचने के लिए लोग अपनी घर की छतों पर दिखाई दिए, जहां वह अपने सपनों के घरोंदे को तबाह होते देखने के अलावा कुछ और नहीं कर सकते थे। वहीं लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए पुलिस भी लाउडस्पीकर से लगातार घोषणा करती दिखाई दी…