नागालैंड elections: मोदी-रियो की फ्रेंडशिप ने फिर उड़ा दिए विरोधियों के चेहरे के रंग

Published : Mar 02, 2023, 01:45 PM ISTUpdated : Mar 02, 2023, 03:00 PM IST
BJP win in Nagaland Election 2023

सार

नागालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) और भाजपा का गठबंधन हमेशा से ही चमत्कार दिखाता रहा है। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो(Neiphiu Rio) के नेतृत्व वाली एनडीपीपी 2018 के पिछले चुनाव से ही भाजपा के साथ गठबंधन में है।

कोहिमा. नागालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) और भाजपा का गठबंधन हमेशा से ही चमत्कार दिखाता रहा है। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो(Neiphiu Rio) के नेतृत्व वाली एनडीपीपी 2018 के पिछले चुनाव से ही भाजपा के साथ गठबंधन में है। गठबंधन ने पिछले चुनाव में 30 सीटें जीती थीं, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट (NPA) ने 26 सीटें जीती थीं। रिजल्ट की पूरी डिटेल्स देखने यहां क्लिक करें

नागालैंड में 16 जिलों हैं, जबकि विधानसभा सीटें 60। इनमें से 59 विधानसभा सीटों पर 27 फरवरी को 85.90% वोटिंग हुई थी। यह बीते साल से 10% ज्यादा रही थी। इससे पहले 2018 में 75% वोटिंग हुई थी। यहां की सीट पर भाजपा कैंडिडेट निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे। 10 फरवरी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के कैंडिडेट खेकाशे सुमी ने पर्चा खींच लिया था। इसके बाद भाजपा कैंडिडेट कजेतो किनिमी को निर्विरोध जीता हुआ करार दे दिया गया था। नागालैंड में अभी नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की सरकार है। NDPP 2017 बनी थी। उस समय के इलेक्शन में NDPP ने 18 और भाजपा ने 12 सीटें जीती थीं।

इस बार सीटों के बंटवारे के समझौते के अनुसार, भाजपा अग्रणी गठबंधन में एक जूनियर पार्टनर रही, जिसने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि सहयोगी एनडीपीपी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा। यहां सरकार बनाने 31 सीटों की जरूरत पड़ती है।

24 फरवरी को PM मोदी नागालैंड के चुनावी दौरे पर आए थे। तब उन्होंने कहा था-नागालैंड में विकास और विश्वास की लहर है। नागालैंड में बीजेपी और एनडीपीपी को हमारा भारी समर्थन है, क्योंकि हम पूर्वोत्तर के विकास के लिए काम कर रहे हैं।

'𝐆𝐞𝐭 𝐯𝐨𝐭𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐨𝐫𝐠𝐞𝐭'। नागालैंड और पूर्वोत्तर के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगियों की यही नीति रही है। दिल्ली के कांग्रेस नेता नागालैंड की ओर आंख मूंद लेते हैं। कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट को सिर्फ एटीएम के तौर पर इस्तेमाल किया। वे इस क्षेत्र से धन निकालकर अपने आकाओं की तिजोरियां भरकर दिल्ली ले जाते थे। संयोग देखिए यहां कांग्रेस को कोई पूछने वाला नहीं है। क्लिक करके पढ़ें डिटेल्स...

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