बीजेपी एक बार फिर मध्यप्रदेश में सत्ता में प्रचंड बहुमत से आ रही है। लगातार 18 साल से सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी को हरा पाना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। आखिर क्या हैं BJP की जीत की 10 सबसे बड़ी वजहें?
Madhya Pradesh Assembly Election Results 2023: मध्यप्रदेश में बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी कर रही है। 18 साल से सत्ता में होने के बावजूद प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया है। इसकी सबसे बड़ी वजह शिवराज सिंह चौहान की 'लाडली बहना' योजना को दिया जा रहा है। आइए जानते हैं, बीजेपी की जीत की आखिर क्या हैं वो 10 बड़ी वजहें।
देश भर में जब भी चुनाव होते है, तब महिलाओं को साइलेंट वोटर माना जाता था। महिला वोटर्स को साधना नेताओं के लिए टेढ़ी खीर साबित होती थी। लेकिन शिवराज सिंह चौहान 10 जून से लाडली बहना योजना लागू की है। इस योजना के तहत महिलाओं को 1 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते है। चुनाव जैसे नजदीक आते ही इस राशि को 1250 रुपए कर दिए गए। आगे चलकर इस योजना से मिलने वाली राशि को भाजपा ने 3 हजार रुपए करने की बात कही है।
2. सरकारी कर्मचारियों के लिए घोषणाएं
चुनावी साल में सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के हर विभाग हर श्रेणी के कर्मचारियों के लिए घोषणाएं की है। चुनाव से ठीक 6 माह पहले से यह कारवां शुरू हुआ और आदर्श आचार संहिता के साथ खत्म हुआ। शिवराज सिंह चौहान ने शासन प्रणाली की आखिरी इकाई पंचायत के सचिवों और रोजगार सहायक के वेतन वृद्धि के साथ और भी घोषणाएं की। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकर्ताओं की वेतन वृद्धि की बात की है। वहीं अतिथि विद्वानों के लिए सरकार ने उनके वेतन को दोगुना कर दिया।
3. आदिवासी वोटर्स पर फोकस
मध्यप्रदेश की आबादी का लगभग 21 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी समाज से है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ गए थे। साल 2022 में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाली रानी कमलापति के नाम पर रखा गया। इसके अलावा जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने शहडोल दौरा किया था। यहां पर पीएम मोदी ने खास तौर पर आदिवासियों से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान भी समय समय पर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में दौरे करते रहते है।
4. प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और दौरे
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश में पिछले दो सालों के भीतर अपने दौरे बढ़ा दिए है। पिछले साल कमलापति रेल्वे स्टेशन के उद्घाटन पर चार साल बाद आए थे, जिसके बाद पीएम मोदी के दौरे तेजी से बढ़ गए। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव महीने में 15 दौरे किए है। इम दौरों के दौरान पीएम मोदी ने लगभग 72 विधानसभा कवर की है। जुलाई में जब पीएम मोदी ने शहडोल दौरे पर थे तब एक गाना लॉन्च किया गया था- एमपी के मन में मोदी, मोदी के मन में एमपी। जनता ने बीजेपी को जनादेश देकर इसे साबित कर दिया है।
5. केंद्रीय मंत्री सहित बड़े नेताओं की रैली
भारतीय जनता पार्टी ने इन चुनावों में बेहतरीन टीम को-ऑर्डिनेशन रहा। साथ ही इनके स्टार प्रचारकों में देश भर के 40 बड़े नेताओं को मध्य प्रदेश के चुनावी मैदान पर उतारा। साथ ही इन नेताओं ने जिन नेताओं का टिकट कटा उन्हें मना लिया। भाजपा नेताओं ने बेहतर तरीके से डैमेज कंट्रोल किया। इसके अलावा जिन सीटों पर भाजपा का प्रत्याशी कमजोर था, उनके लिए 2 से 3 बड़े नेताओं की जनसभा की गई।
6. डबल इंजन सरकार
भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में डबल इंजन सरकार की रणनीति पर भरोसा किया। बीजेपी ने इस बार चुनावों में इन चुनावों में केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि का जमकर प्रचार किया। किसान सम्मान निधि में केंद्र सरकार 6000 रुपए और राज्य सरकार 4000 रुपए किसानों को सालाना देती है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान कार्ड योजना और उज्ज्वला योजना पर काफी फोकस किया है। ऐसे में बीजेपी ने डबल इंजन के भरोसे कैंपेनिंग की।
7. कांग्रेस के कैम्पेनिंग में देरी
भारतीय जनता पार्टी ने सरकार में रहते हुए 1 साल पहले ही चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। वहीं कांग्रेस पार्टी ने चुनाव प्रचार शुरू करने में काफी देर की, जिसका फायदा भाजपा को मिला। अगर जनता बदलाव चाहती है, तो बेहतर विकल्प ढूंढती है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने जनता के बीच जाने में देरी की। कांग्रेस चुनाव से लगभग 3 महीने पहले आंशिक रूप से एक्टिव हुई। यह एक फैक्टर भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुआ।
8. शिवराज की पॉपुलैरिटी
बीजेपी की जीत का एक बड़ा कारण शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता भी है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सीएम फेस कमलनाथ की तुलना में बीजेपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता का काफी ज्यादा है। कमलनाथ के मुकाबले राज्य में शिवराज सिंह चौहान का चेहरा जनता के बीच काफी लोकप्रिय था।
9. हिंदुत्व पर जोर
चुनाव प्रचार के दौरान BJP ने खुलकर हिंदुत्व पर जोर दिया। MP में योगी आदित्यनाथ और हिमंता बिस्वा सरमा की रैलियां हुईं, जिसमें सभी ने राम मंदिर का जिक्र किया। इसके साथ ही BJP ने मध्य प्रदेश चुनाव में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया।
10. राज्य में बदली मंदिरों की तस्वीर
शिवराज सरकार ने हिंदुत्व पर जोर देते हुए राज्य के कई मंदिरों की तस्वीर बदली। इनमें उज्जैन का महाकाल लोक, सलकनपुर में देवीलोक, ओरछा में रामलोक, चित्रकूट में दिव्य वनवासी लोक शामिल है।
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