सामूहिक विवाह में वर्जिनिटी टेस्ट: डिस्पोजल में यूरिन लेकर पहुंची लड़कियां, सात फेरे से पहले कराना पड़ा प्रेग्नेंसी टेस्ट

मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल डिंडोरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह विवादों में है। यहां लड़कियों से वर्जिनिटी और प्रेग्नेंसी टेस्ट कराकर रिपोर्ट लाने का कहा था। बेशक बाद में अफसर अपनी बात से मुकरते रहे।

भोपाल. मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल डिंडोरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह विवादों में है। यहां लड़कियों से वर्जिनिटी और प्रेग्नेंसी टेस्ट कराकर रिपोर्ट लाने का कहा था। बेशक बाद में अफसर अपनी बात से मुकरते रहे, लेकिन आयोजन स्थल पर कई लड़कियां अपनी शादी से पहले डिस्पोजल गिलास में यूरिन लेकर पहुंचीं।  

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डिंडोरी में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत डिंडोरी में 22 अप्रैल को सामूहिक विवाह सम्मेलन रखा गया था। यहां शादी करने पहुंची लड़कियां डिस्पोजल में यूरिन लेकर पहुंची थीं। मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि ऐसी कई लड़कियां थीं। डिंडोरी जिले के गाड़ासरई कस्बे में जिला प्रशासन ने यह आयोजन कराया था। इसमें 219 कपल का विवाह कराया गया। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिन लड़कियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली, उन्हें शादी नहीं करनी दी गई। हालांकि अफसर बार-बार यही तर्क देते रहे कि यह सिर्फ एनिमिया की जांच थी। रिपोर्ट के अनुसार कुछ लड़कियां रिपोर्ट लेकर पहुंचीं, तो उन्हें बताया गया कि वे गर्भवती हैं, लिहाजा शादी में नहीं कराई जा सकती है।(ये तस्वीरें आयोजन की हैं, जिन्हें डिंडोरी कलेक्टर की आफिसियल वेबसाइट से ट्वीट किया गया)

बच्छरगांव पंचायत के सरपंच मेदनी मरावी ने मीडिया से दावा किया उनके गांव की 6 लड़कियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट हुआ। लड़कियों से फार्म भरवाकर हेल्थ चेकअप के नाम पर उनसे डिस्पोजल में यूरिन मांगा गया था।

यह मामला राजनीति तूल भी पकड़ा हुआ है। हालांकि प्रशासन अपना अलग ही तर्क दे रहा है। CMHO रमेश मरावी ने कहा कि उन्होंने एज वेरिफिकेशन और एनिमिया के लिए ये टेस्ट कराए थे। टेस्ट के आदेश ऊपर से मिले थे। डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्र ने कहा कि यह सिर्फ सिकल सेल एनिमिया का टेस्ट था। जांच में कुछ लड़कियों ने बताया था कि उन्हें पीरियड नहीं आ रहे हैं, इसलिए उनके यूरिन सैंपल लिए गए थे। इनके प्रेग्नेंसी की पुष्टि होने पर नियमानुसार उन्हें कन्यादान योजना में विवाह से रोक दिया गया। सिकल सेल एनिमिया एक ब्लड डिसऑर्डर है।

इस मामले को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक tweet किया था-डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है। मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान…।

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