MP में लाखों को रोज़गार, स्टार्टअप्स को मिलेगी बड़ी मदद! क्या है सरकार का प्लान?

Published : Feb 22, 2025, 11:38 AM IST
cm mohan yadav

सार

मध्यप्रदेश में नई नीतियों से लाखों रोजगार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने एमएसएमई, इलेक्ट्रिक वाहन, टाउनशिप, और विमानन से जुड़ी नीतियों को मंजूरी दी है।

भोपाल। आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश में लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। युवाओं को स्टार्टअप-उद्योंगों की स्थापना में बड़ी मदद मिलेगी। राज्य में पॉल्यूशन कम होगा। सरकार का इंदौर-देवास-उज्जैन क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थापित करने पर फोकस है। दरअसल, मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने 18 फरवरी को कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई। सरकार ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 से पहले और नई 7 नीतियों को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सरकार ने एमएसएमई, इलेक्ट्रिक व्हीकल, एकीकृत टाउनशिप, नागरिक विमानन और स्टार्टअप से जुड़ी नई नीतियों को स्वीकृति दे दी। इन नीतियों से प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार होगा। इन नीतियों की मंजूरी से व्यापार और निवेश आसान हो जाएगा। सरकार राज्य के हर 50 किमी में हेलीपैड और हर 150 किमी क्षेत्र में हवाई अड्डे की स्थापना पर फोकस करेगी।

गौरतलब है कि नई एमएसएमई नीति से प्रदेश में 86 लाख रोजगार पैदा होगें। मोहन सरकार इस नीति को मंजूरी देकर ईज ऑफ डुइंग को प्रोत्साहित करेगी। इस नीति से सरकार ने 53 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। सरकार इस नीति के तहत नवीन उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देगी। सरकार निवेशकों को मशीनरी-बिल्डिंग में निवेश करने पर 40 फीसदी सब्सिडी भी देगी। इसके अलावा मशीनरी में 10 करोड़ तक निवेश पर अजा/अजजा/महिला उद्यमी को 48 और 52 फीसदी सब्सिडी भी मिलेगी। जो निवेशक 10 करोड़ से अधिक का उद्योग लगाएगा उसे 1.5 गुना अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। सरकार फार्मास्युटिकल और टेक्सटाइल में निवेश करने वालों को विशेष पैकेज देगी। इस नीति के तहत सरकार ने माल ढुलाई में 40 लाख तक की प्रतिवर्ष सहायता देने का फैसला किया है। माल ढुलाई में 5 वर्षों तक माल आर्थिक सहायता मिलेगी। इस नीति के तहत जो निवेशक रोजगार पैदा करेगा उसे अनुदान दिया जाएगा। 100 से अधिक रोजगार देने पर निवेशक को 1.5 गुना अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। सरकार ने नई एमएसएमई नीति के तहत औद्योगिक भूमि-भवन आवंटन-प्रबंधन में भी बदलाव किया है। पहले लोगों को प्रथम आओ-प्रथम पाओ पद्धति से औद्योगिक भूखंड मिलता था, लेकिन अब ई-बिडिंग पद्धति से यह भूखंड उपलब्ध होगा। यानी, यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी।

ये है नई स्टार्टअप-इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति

नई स्टार्टअप नीति के तहत मोहन सरकार सर्टिफाइड स्टार्टअप्स की संख्या 10 हजार करेगी। इसे नीति के तहत 1 लाख 10 हजार रोजगारों का लक्ष्य रखा गया है। सरकार स्टार्टअप करने वालों को 30 लाख रुपये तक की सीड एंड फंड सहायता देगी। स्टार्टअप को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत बैंकों के माध्यम से कोलेटरल मुक्त ऋण पर ब्याज अनुदान मिलेगा। प्रोटोटाइप-उत्पादन विकास के लिए 15 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। तीन सालों के लिए अधिकतम दस हजार रुपये तक लीज रेंटल सहायता मिलेगी। इसी तरह इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सरकार का इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का उपयोग बढ़ाने पर जोर है। सरकार ई-वाहन की खरीदी पर छूट भी देगी। ई-टूव्हीलर, ई-थ्रीव्हीलर, ई-कार, ई-ट्रक खरीदने पर 100 फीसदी वाहन कर और पंजीकरण में छूट मिलेगी। सरकार राजमार्गों-प्रमुख सड़कों पर हर 20 किमी पर चार्जिंग स्टेशन और हर 100 किमी पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगी। सरकार सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन खोलने पर भी सब्सिडी मिलेगी। इस पॉलिसी के तहत 80 प्रतिशत सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक किया जाएगा।

इस पॉलिसी से निखरेगा इंफ्रास्ट्रक्चर

मप्र एकीकृत टाउनशिप नीति के तहत रियल एस्टेट विकास में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार किफायती आवासों की जरुरतें पूरी करेगी। भूमि पुलिंग के माध्यम से सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। भूमि मालिक भूमि पुलिंग के जरिए टाउनशिप बना सकेंगे। नई पॉलिसी के तहत डेवेलपर को ईडब्ल्यूएस-बीपीएल वर्ग के लिए आरक्षित जगह रखनी होगी। इन वर्गों को 15 फीसदी आवास देनें होंगे। टाउनशिप में 10 फीसदी पार्क और खुले स्थान का प्रावधान करना होगा। इससे राज्य की अधोसंरचना में मदद मिलेगी।

विमानन नीति से लगेंगे विकास को पंख

मोहन सरकार ने नई विमानन नीति को भी मंजूरी दे दी। इस नीति को मंजूरी से विमानन में नए निवेश की संभावना बढ़ जाएगी। सरकार राज्य में कम से कम 3 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे स्थापित करेगी। इसके अलावा लोगों को हर दो घंटे यानी 150 किमी के दायरे में एक कमर्शियल हवाई अड्डा मिलेगा। हर एक घंटे यानी 100 किमी के दायरे में छोटे विमानों के लिए हवाई पट्टी उपलब्ध होगी। इसके अलावा तहसील-ब्लॉक में 30 मिनट की दूरी यानी हर 50 किमी के दायरे में एक हेलीपैड-हैलीपोर्ट की सुविधा होगी। इस नई नीति से इससे एयर कार्गो को बढ़ावा मिलेगा। इंदौर-देवास-उज्जैन क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की योजना है। सरकार शैक्षणिक संस्थानों में विमानन पाठ्यक्रम शुरु करने पर जोर देगी। इस सेक्टर में युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी। कृषि उत्पादन क्षेत्रों में ‘कृषि उड़ान कलस्टर’ बनेंगे।

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