संत कनक बिहारी दास महाराज पंचतत्व में विलीन, कई राज्यों से दर्शन करने पहुंचे लोग..सड़क से छत तक भीड़ ही भीड़

Published : Apr 18, 2023, 05:23 PM ISTUpdated : Apr 18, 2023, 05:50 PM IST
saint kanak bihari news

सार

देश के प्रसिद्ध संत कनक बिहारी दास महाराज का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया। छिंदवाड़ा में महंत का अंतिम संस्कार किया गया। 

छिंदवाड़ा. मध्य प्रदेश के संत कनक बिहारी दास महाराज का आज पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। छिंदवाड़ा में महंत का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान अपने संत की आखिरी दर्शन करने के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र- गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य और जिलों से हजारों की संख्या में लोगों ने शामिल होकर नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

राम मंदिर धाम में किया अंतिम संस्कार, शिष्य ने दी मुखाग्नि

दरअसल, बुधवार सुबह संत कनक बिहारी दास महाराज का पार्थिव शरीर छिंदवाड़ा के चांद नोनीबर्रा राम मंदिर कनक धाम में ले जाया गया। जहां कई राज्यों से पहुंचे लोगों ने अपने संत के आखिरी बार दर्शन किए। इसके बाद दोपहर में उनका अंतिम संस्कार किया गया। मंहत को उनके शिष्य ने मुखाग्नि दी।

सड़क से छत तक पर थे लोग...लोगों ने दुख में बंद रखी दुकानें

बता दें कि सुबह जैसे ही संत का पार्थिव शरीर राम मंदिर धाम में पहुंचा तो हर तरफ भीड़ ही भीड़ थी। आलम यह था कि कोई घरों की छतों पर तो कोई पेड़ पर चढ़कर गुरुदेव के अंतिम दर्शन कर रहा था। बच्चे हो या बजुर्ग या फिर महिलाएं, सभी की आखें नम थीं और जुबान पर संत कनक बिहारी दास जी महाराज का नाम था। इस दौरान छिंदवाड़ा में कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें भी दोपहर तक बंद रखीं। संत को श्रद्धांजलि देने के लिए इलाके के मंत्री-विधायक से लेकर अफसर तक पहुंचे हुए थे।

एक युवक को बचाने के चक्कर में संत की मौत

बता दें कि सोमवार सुबह 8 बजे नरसिंहपुर के पास संत कनक बिहारी दास महाराज की कार का एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें संत की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि बाइक सवार को बचाने के चक्कर में कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे जा पलटी। हादसा इतना भयानक था कि मौके पर संत और तीन अन्य श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

कौन से संत कनक बिहारी जी महाराज

कनक बिहारी वही संत का जन्म विदिशा जिले के खैराई गांव में हुआ था। बचपन से वह भगवान श्री राम के भक्त थे, इसलिए उन्होंने 11 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया और आयोध्या जा पहुंचे। 72 साल के संत अपने भक्तों में यज्ञ सम्राट के नाम से प्रसिद्ध थे। छिंदवाड़ा में उनका आश्रम था, वह बरमान से लौटकर वहीं जा रहे थे कि उनका एक्सीडेंट हो गया। वह रघुवंशी समाज के गौरव थे। कनक बिहारी के निधन की खबर लगते ही रघुवंशी समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

राम मंदिर के लिए दिया था 1 करोड़ का चेक

कनक बिहाजी महाराज वही महंत थे जिन्होंने 2021 में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को 1 करोड़ 11 लाख का चेक दिया था। वह राम मंदिर निमार्ण के लिए और भी कई करोड़ राशि देने का संकल्प कर चुके थे। महाराज अगले साल अयोध्या में 9009 कुंडीय यज्ञ का आयोजन करने वाले थे। जिसकी तैयारी में वो लगे थे, लेकिन एक हादसे ने सब खत्म कर दिया। संत के निधन पर सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गहरा दुख जताया है

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