मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023: 230 सीट पर 17 नवंबर को वोटिंग, 03 दिसंबर को रिजल्ट

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसकी तारीखों की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग ने कर दी है। इससे पहले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस सबसे अधिक सीटें लाई थी। लेकिन कमलनाथ की सरकार 15 ​महीने की चल पाई थी।

भोपाल. भारत निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। प्रदेश में 17 नवंबर 2023 को मतदान होगा। इससे पहले साल 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस की सरकार बनी थी। तब कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार महज 15 माह ही चल पाई थी। इसके बाद 22 विधायक भाजपा में शामिल हुए और मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, तब से यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने की चुनाव तारीखों की घोषणा 

Latest Videos

 

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए बताया कि इस बार 5 राज्यों में कुल 16 करोड़ वोटर हैं। जिसमें 8.2 करोड़ पुरुष वोटर है। 

मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा, वहीं 3 दिसंबर को मतगणना होगी। 26 दिनों में पूरी चुनावी प्रक्रिया होगी।

मध्यप्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव के तहत गजेट नोटिफिकेशन 21 अक्टूबर को होगा। प्रत्याशी 30 अक्टूबर को नामांकन दाखिल कर सकेंगे, इसके बाद 2 नवंबर को नाम वापसी रहेगी, इसके बाद 17 नवंबर को मतदान और 3 दिसंबर को मतगणना होगी। इसी दिन चुनाव परिणाम घोषित हो जाएंगे।

आदर्श आचार संहिता लागू

मुख्य निर्वाचन आयोग द्वारा की गई चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने तक जारी रहेगी। प्रदेश में 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आएगा।

2018 के चुनाव परिणाम पर एक नजर

मध्यप्रदेश में 2018 में 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए। जिसमें से पूर्ण बहुमत के लिए कुल 116 सीटें लाना जरूरी था। कांग्रेस 114 सीटों पर आई और भाजपा के हाथ 109 सीटें लगी थी। वहीं बसपा को दो और अन्य के हिस्से में 5 सीटें आई थीं। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कांग्रेस ने बसपा, सपा और अन्य के साथ मिलकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई थी। तब कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार महज 15 माह ही चल सकी, भाजपा ने उस पर अपना कब्जा कर लिया। अब फिर से विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस की आमने सामने की टक्कर है।

ऐसे बनी भी मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार

आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में सबसे अधिक सीटें कांग्रेस ने हासिल की थी। लेकिन इसके बाद जैसे ही 15 माह पूरे हुए कांग्रेस के कई विधायक अचान गुरुग्राम में एकत्रित हुए, जानकारी मिलने पर दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी आदि भी गुरुग्राम स्थित होटल में पहुंचे और डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की। इस प्रकार करीब दो सप्ताह तक सियासी ड्रामा चलता रहा, जिसमें बागी विधायकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी, इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिले, जिसके बाद सिंधिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली, इसके बाद कांग्रेस की सरकार गिरी और उपचुनाव के बाद मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनी।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

'स्टार कैंपेनर का स्वागत है' झारखंड चुनाव में जीत के बाद हेमंत सोरेन का जोश हाई, शेयर की फोटोज
पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मीडिया को संबोधित किया
'चुनाव में उस वक्त ही हार गई थी भाजपा जब...' फिर चर्चा में आई यूपी उपचुनाव की एक घटना #Shorts
संभल मस्जिद विवाद: हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा पर रोक, स्कूल-कॉलेज बंद
'ये सरकार ने जान बूझकर...' संभल में बवाल पर अखिलेश का सबसे बड़ा दावा, कर देगा हैरान