MP News: अब सरकारी स्कूलों में हर शिक्षक रहेगा हाजिर, नहीं तो होगी सख्त कार्रवाई

Published : Oct 08, 2025, 07:34 PM IST
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सार

भोपाल में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। नामांकन दर, गुणवत्ता सुधार और ई-अटेंडेंस ऐप से पारदर्शिता पर भी जोर दिया गया।

शिक्षा की गुणवत्ता ही किसी विकसित समाज की बुनियाद होती है। यही सोच लेकर भोपाल में आयोजित कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्य सचिव अनुराग जैन ने स्पष्ट कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि शिक्षा में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने शालाओं में बच्चों के नामांकन दर में सुधार और शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

शिक्षा के बिना विकास असंभव: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने कहा कि विकसित भारत के रोडमैप में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके बिना विकास के लक्ष्य पूरे नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण और स्कूल प्रबंधन की जवाबदेही तय करना जरूरी है, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाई का अवसर मिले।

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शिक्षकों के प्रशिक्षण और स्थानीय भागीदारी पर जोर

सत्र में शिक्षकों के प्रशिक्षण और सामुदायिक भागीदारी को लेकर विशेष चर्चा हुई। दुर्गम क्षेत्रों में स्थित सरकारी स्कूलों की मरम्मत के लिए स्थानीय लोगों और शाला विकास समिति की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया। अनुराग जैन ने कहा कि शिक्षण कौशल वाले श्रेष्ठ शिक्षकों का ग्रुप बनाकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का शेड्यूल तय किया जाए, ताकि पूरे राज्य में शिक्षा का स्तर समान रूप से ऊंचा हो।

ई-अटेंडेंस ऐप से बढ़ेगी पारदर्शिता

सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने बताया कि “विकसित मध्यप्रदेश 2047” के तहत हर बच्चे को उच्च गुणवत्ता और मूल्य आधारित शिक्षा देने का लक्ष्य है। इसके लिए शिक्षकों की 100 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु ई-अटेंडेंस ऐप लागू किया गया है। राजगढ़ जिले में फिलहाल 94 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई है।

आंगनवाड़ी और निपुण भारत मिशन पर भी फोकस

महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव जी.वी. रश्मि ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए ‘आधारशिला फ्रेमवर्क’ और 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए ‘नवचेतना फ्रेमवर्क’ लागू किया गया है। निपुण भारत मिशन के तहत आंगनवाड़ियों में 100 प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने पर काम चल रहा है। जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित आश्रम शालाओं और छात्रावासों में 93 प्रतिशत से अधिक प्रवेश हो चुके हैं और परख ऐप के माध्यम से निरीक्षण की व्यवस्था शुरू की गई है।

कलेक्टर्स ने साझा की बेस्ट प्रैक्टिसेस

शाजापुर, छतरपुर, नीमच और झाबुआ के कलेक्टर्स ने निपुण भारत मिशन, आदर्श आंगनवाड़ी प्रोजेक्ट और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जुड़ी अपनी-अपनी बेस्ट प्रैक्टिस प्रस्तुत की।

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