देवेंद्र फडणवीस बने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री। भाजपा की बड़ी जीत और फडणवीस के शानदार राजनीतिक सफर ने उन्हें राज्य का मजबूत नेता बनाया। विकास और स्वच्छ छवि उनकी पहचान है। जानिए उनके बारे में और बहुत कुछ।
मुंबई। "मैं समुंदर हूं, लौट कर आऊंगा..." - 2019 में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के ये शब्द आज सच साबित हुए। महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के नाम की घोषणा ने न केवल उनके वादे को पूरा किया है, बल्कि उनके राजनीतिक कद को भी और ऊंचा कर दिया है। भाजपा ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद के लिए फडणवीस का नाम तय कर सस्पेंस खत्म कर दिया। 5 दिसंबर को शाम 5 बजे शपथ ग्रहण समारोहा होगा।
महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा ने 149 में से 132 सीटें जीतकर 86% स्ट्राइक रेट हासिल किया, जो पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस बड़ी जीत ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा की स्थिति को और मजबूत किया। उनका शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा।
कई भाजपा दिग्गजों की तरह देवेंद्र फडणवीस की यात्रा भी पार्टी के वैचारिक गुरु आरएसएस से शुरू हुई, जहां वे नागपुर में संघ में शामिल हुए, जिसने उनके राजनीतिक कौशल को काफी हद तक आकार दिया। वे नागपुर नगर निगम में पार्षद चुने गए और लगातार दो कार्यकालों तक सेवा की। उल्लेखनीय रूप से वे भारत के दूसरे सबसे युवा महापौर और नागपुर के सबसे युवा महापौर बने। वे महापौर परिषद के पद पर फिर से चुने जाने वाले एकमात्र व्यक्ति भी हैं। इसके अलावा उन्होंने लगातार 5 बार विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक ताकत साबित की। 2014 में वे पहली बार मुख्यमंत्री बने और 2019 में उपमुख्यमंत्री पद पर भी रहे। उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र को समृद्धि एक्सप्रेसवे, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक और नवी मुंबई हवाई अड्डे जैसी परियोजनाओं का तोहफा मिला।
फडणवीस 2013 में वार्ड संयोजक के पद से महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष के पद तक मजबूती से और लगातार आगे बढ़े। 2014 में उनकी किस्मत ने तब बड़ा बदलाव देखा जब वे पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने, जब भाजपा 122 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। उन्होंने पूरे कार्यकाल के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उपमुख्यमंत्री के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल 2019 में आया, जब उन्होंने सुबह-सुबह एक नाटकीय समारोह में अजित पवार के साथ शपथ ली, लेकिन वह सरकार केवल तीन दिन ही चली। 2022 में, उन्होंने शिवसेना को विभाजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुति सरकार का गठन हुआ। इस बार, उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया।
राजनीति में कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच फडणवीस ने अपनी साफ छवि बनाए रखी। उनका ध्यान हमेशा विकास पर रहा है। नागपुर, पुणे और मुंबई जैसे शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी का विस्तार उनके प्रमुख कार्यों में शामिल है।
शिवसेना और एनसीपी में विभाजन की रणनीति बनाकर उन्होंने भाजपा को राज्य में सबसे मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा किया। उनकी योजनाओं और नेतृत्व ने भाजपा को न केवल सत्ता में बनाए रखा, बल्कि विपक्ष को भी कमजोर किया। फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे हैं। विकास और सुशासन की दिशा में उनकी योजनाओं पर सभी की निगाहें होंगी। उनका तीसरा कार्यकाल महाराष्ट्र के लिए किस तरह का बदलाव लाता है, यह देखने वाली बात होगी।
ये भी पढ़ें…
देवेंद्र फडणवीस की ताजपोशी पर BJP विधायक दल की मुहर, कल लेंगे CM पद की शपथ
महाराष्ट्र में फॉर्मूला 7-7-7 क्या है? आज खत्म होगा CM चयन पर सस्पेंस, जाने कैसे