महाराष्ट्र के कोल्हापुर में क्रूर मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुई हिंसक झड़प के बीच धुले में विवादास्पद सुल्तान सुल्तान के अवैध स्मारक पर नगर निगम ने बुल्डोजर चलवा दिया।
धुले. महाराष्ट्र के कोल्हापुर में क्रूर मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुई हिंसक झड़प के बीच धुले में विवादास्पद सुल्तान सुल्तान के अवैध स्मारक पर नगर निगम ने बुल्डोजर चलवा दिया। धुले के एक व्यस्ततम चौक पर कथित ताैर पर मुस्लिम वोटरों को खुश करने टीपू सुल्तान का यह अवैध स्मारक ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के स्थानीय विधायक डॉ फारूक अनवर शाह ने बनवाया था। यह 100 फीट चौड़ी सड़क के ठीक बीच में बनाया गया था यहां के वडजई रोड क्षेत्र में मुस्लिम आबादी है। इसकी शिकायत हिंदू संगठनों ने की थी।
धुले में टीपू सुल्तान का अवैध स्मारक नगर निगम ने गिराया
भारतीय जनता युवा मोर्चा की धुले इकाई ने इसे लेकर गृह मंत्री और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा था। पत्र की प्रतियां स्थानीय एसपी और नगर निगम धुले के कमिश्नर को भी दी गई थीं। पत्र में कहा गया है, 'धुले शहर में नगर निगम द्वारा डी-मार्ट से बायपास हाईवे तक 100 फीट की सड़क का निर्माण किया गया है. इस सड़क पर काफी ट्रैफिक रहता है।” पत्र में तुष्टिकरण की राजनीति का हवाला भी दिया गया था।
भाजयुमो से जुड़े एडवोकेट रोहित चंदोडे ने पत्र में लिखा था कि धुले शहर के विधायक डॉ फारूक शाह ने हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने बगैर सरकारी अनुमति के चौक परप हिंदू विरोधी टीपू सुल्तान के स्मारक का निर्माण करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है। बता दें कि धुले शहर के मुस्लिम इलाके में 100 फीट रोड और वडजई रोड के बीच यह स्मारक बनाया गया था।
महाराष्ट्र में साम्प्रदायिक तनाव और मंदिरों पर अटैक
शिकायत को गंभीरता से लेते 8 जून को देर रात टीपू सुल्तान के अवैध स्मारक पर स्थानीय प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया।
बता दें कि धुले शहर के मोघलाई क्षेत्र में स्थित राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति को 6 जून को अज्ञात असामाजिक तत्वों ने खंडित कर दिया था। इसे लेकर भी लोगों में नाराजगी है। हालांकि पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद मंदिर के पास अवैध रूप से बनाए गए शेड में रात के समय अवैध कारोबार होने की शिकायत मिलने के बाद अतिक्रमण हटा दिया गया था।
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