दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल को जाने से मारने की धमकी, 'मेंटल' आरोपी ने पुलिस को किया था कॉल

Published : Jan 31, 2023, 10:11 AM ISTUpdated : Jan 31, 2023, 10:41 AM IST
 Threats to kill Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal

सार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। मुंडका निवासी एक शख्स ने देर रात दिल्ली पुलिस को कॉल करके अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की ये धमकी दी।

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। मुंडका निवासी एक शख्स ने देर रात दिल्ली पुलिस को कॉल करके अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की ये धमकी दी। हालांकि अभी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी शख्स मुंडका का रहने वाला है।

पुलिस के मुताबिक आरोपी की मानसिक हालत ठीक नहीं है। इस वजह से अभी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आरोपी का नाम जय प्रकाश बताया गया है। पुलिस के अनुसार आरोपी का दिमागी इलाज जल रहा है। उसने सोमवार की रात 12.05 बजे पीसीआर कॉल कर अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में आई और कॉल डिटेल्स के जरिये आरोपी तक पहुंची। आरोपी कादिल्ली के गुलाबी बाग में एक डॉक्टर के पास इलाज चल रहा है।

मुंबई. यहां की एक अदालत ने जनवरी 2020 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए हमले के बाद गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल 36 लोगों के खिलाफ मामला वापस लेने की मुंबई पुलिस की याचिका मंजूर कर ली। पुलिस ने अपनी दलील में कहा कि आरोपी ने बिना किसी व्यक्तिगत हित या लाभ के कथित कृत्य को अंजाम दिया।

एस्प्लेनेड कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस वी डिंडोकर ने इस महीने की शुरुआत में मामले को वापस लेने के आवेदन को स्वीकार कर लिया था। सोमवार को आदेश उपलब्ध कराया गया।

अतिरिक्त लोक अभियोजक गौतम गायकवाड़ के माध्यम से दायर याचिका में पुलिस ने तर्क दिया कि आरोपी व्यक्तियों ने कथित कार्य को बिना किसी व्यक्तिगत हित या लाभ के विरोध के रूप में किया। पुलिस ने कहा, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान के साथ-साथ कोई जनहानि नहीं हुई है।

आवेदन पर विचार करने के बाद, अदालत ने कहा कि आरोपों और मामले के तथ्यों और कथित कार्य सामाजिक और राजनीतिक प्रकृति का है, पर विचार करते हुए अभियोजन पक्ष मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहता है और उसने मामले को वापस लेने का फैसला किया है। अदालत ने कहा कि आवेदन की अनुमति दी जाती है और मामले को वापस ले लिया जाता है।

जनवरी 2020 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुई हिंसा की निंदा करने के लिए मुंबई के विभिन्न कॉलेजों के छात्र मुंबई में गेटवे ऑफ़ इंडिया पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे।

मामले की जांच कर रही कोलाबा पुलिस ने दिसंबर 2020 में 36 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में कहा गया था कि जेएनयू में छात्रों के खिलाफ हिंसा की खबरें देर शाम सामने आने के बाद लोग 5 जनवरी, 2020 की आधी रात को गेटवे ऑफ इंडिया पर मोमबत्तियां लेकर इकट्ठा होने लगे थे। दावा किया गया कि प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़कर 400 हो गई थी।

प्रदर्शनकारियों को सूचित किया गया कि उन्हें इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है और विरोध करने के लिए निर्धारित स्थान आज़ाद मैदान में था। चार्जशीट में कहा गया है कि इसे नजरअंदाज कर दिया गया और मौके पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

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