परिवार ने सोचा कि यदि जल्दी घर से रवाना होंगे तो जोधपुर भी जल्दी पहुंच जाएंगे लेकिन उन्हें पता नहीं था कि यही जल्दबाजी उनकी मौत का कारण बन जाएगी परिवार खेती से जुड़ा काम करता है। वही इस दर्दनाक हादसे में जहां बाप बेटे की तो मौत हो ही गई। लेकिन आपको बता दे कि मृतक रामकरण के पिता कुनीराम का निधन भी करीब एक महीने पहले ही हुआ था। रामकरण छह बहनों का इकलौता भाई था। बहनें तीस तारीख को भाई को राखी बांधने आने वाली थीं, लेकिन अब भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने आ रही हैं।