
जयपुर. गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर करने वाली टीम पर कोर्ट ने हत्या का मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। उस टीम को सरकार ने प्रमोशन और कई अवार्ड भी दिए। लेकिन अब कोर्ट ने उन सभी पुलिस कर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की अनुशंसा की है। इस केस की जांच सीबीआई कर रही थी ।
चुरू में 7 साल पहले हुआ था आनंदपाल का एनकाउंटर
दरअसल, 24 जून 2017 को चुरू जिले के मालासर क्षेत्र में आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया गया था । उस वक्त आनंदपाल पर ₹500000 का इनाम था। इस एनकाउंटर में एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़ और अन्य पुलिस टीम मौजूद थी। सभी ने मिलकर आनंदपाल को एक घर में घेरा और उसके बाद उसका एनकाउंटर किया गया था। यह एनकाउंटर राजस्थान ही नहीं, देशभर में सुर्खियों में रहा था।
आनंदपाल के एनकाउंटर पर सीबीआई ने उठाए सवाल
एनकाउंटर के बाद से ही पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे थे और उसके बाद इसकी जांच सीबीआई को दे दी गई। सीबीआई ने 2020 में अपनी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी थी, जिसे आनंदपाल की पत्नी राजकवंर ने चैलेंज किया था। पिछले चार साल से लगातार इस केस में सुनवाई चल रही थी और राज कवंर ने कई गवाह पेश किए थे। अब कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को झूठा मानते हुए उसे अस्वीकार कर दिया है और तमाम पुलिस टीम पर हत्या का मुकदमा चलाने के लिए कहा है।
सीने में दागी कई गोलियां और सुनाई डरावनी कहानी
राज कंवर के वकील का कहना था- आनंदपाल का एनकाउंटर नहीं किया गया, उसकी हत्या की गई थी। घर की छत पर वह था और उसे गिरफ्तार किया जा सकता था। लेकिन पुलिस ने उसके सीने में एक नहीं, कई गोलियां दागी और बाद में पूरी कहानी बनाई गई कि उसका एनकाउंटर किया गया। बता दें, आनंदपाल की इमेज चूरू, नागौर और आसपास के जिलों में रॉबिन हुड की थी। समाज के लोग उसके पास कई मामलों में मदद लेने जाते थे। उस पर पुलिस पर हमले एवं हत्या के कई केस थे।
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