
राजस्थान। राजस्थान के झुंझुनू जिले में रहने वाले 23 साल के जूनियर नाविक सत्येंद्र सांखला की INS ब्रह्मपुत्र हादसे में मौत हो गई। 60 घंटे बाद सत्येंद्र की डेड बॉडी निकली गई। उनका पार्थिव शरीर बुधवार शाम को झुंझुनू लाया गया। 25 जुलाई को तिरंगा यात्रा निकालने की तैयारी चल रही है। मुंबई में रविवार (21 जुलाई) को भारतीय नौसेना के शिप INS ब्रह्मपुत्र के एक हिस्से में आग लग गई थी। शिप एक ओर झुक गया था। हादसे में कुछ जवान और अफसर लापता हो गए थे। सिर्फ सत्येंद्र सांखला को छोड़कर सभी लोगों को ढूंढ़ लिया गया था। आग लगने के वक्त शिप पर मरम्मत का काम चल रहा था।
सत्येंद्र सांखला झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ तहसील में स्थित डागर गांव के रहने वाले थे। नौसेना के अफसर ने उनके परिवारवालों को रविवार को ही सत्येंद्र के बारे में सूचित कर दिया था। बुधवार सुबह गोताखोरों ने सांखला का शव बरामद किया था। मुंबई से शव को विशेष विमान के जरिए झुंझुनू में उनके गांव भेजा गया।
शहीद सत्येंद्र सांखला के घर मचा कोहराम
सत्येंद्र के भाई मानवेंद्र ने बताया- रविवार को ही सत्येंद्र से बात हुई थी। उसने कहा था- शिप पर आग लगी हुई है। घर में बता देना मैं बात नहीं कर पाऊंगा। मानवेंद्र जोधपुर जिले में एक निजी शिक्षण संस्थान में टीचर हैं और प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहे हैं। शहीद के माता-पिता किसान हैं। इस घटना के बाद से घर में कोहराम मचा हुआ है। तिरंगा यात्रा के बाद गुरुवार को सत्येंद्र सांखला का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
आईएनएस ब्रह्मपुत्र की खूबी
आईएनएस ब्रह्मपुत्र का डिस्प्लेसमेंट 5,300 टन है। इसकी लंबाई 125 मीटर और चौड़ाई 14.4 मीटर है। ब्रह्मपुत्र नेवी की सबसे तेज और शक्तिशाली वॉरशिप है।
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