
राजस्थान: राजस्थान के सबसे बड़े गैंगस्टर रहे आनंदपाल सिंह के भाईयों समेत परिवार को मौत का डर सता रहा है। सरकार से सुरक्षा की मांग की गई है। पुलिसवालों एक एनकाउंटर में 5 लाख के इनामी आंनदपाल को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि, परिजनों ने कार्रवाई को फर्जी बताते हुए याचिका दायर की थी। फैसला आने के बाद SP से लेकर सिपाही समेत 7 पुलिसवालों पर हत्या का मुकदमा चलाने के ऑर्डर आए हैं।
आनंदपाल के छोटे भाई मंजीत सिंह पर भी पुराने केस दर्ज हैं। उनमें से कुछ में सजा हो चुकी है और कुछ मामले चल रहे हैं। इस बीच एनकाउंटर के संबंध में फैसला आने के बाद सीएम से लेकर डीजीपी तक को लेटर लिखा गया है, जिसमें पुलिस तैनाती की बात को प्रमुखता को शामिल किया गया है। परिवार को डर है कि कहीं कोई हमला नहीं हो जाए। सरकार ने फिलहाल सुरक्षा को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है।
आनंदपाल की थी रॉबिनहुड जैसी छवि
आनंदपाल के भाई रपेन्द्र पाल सिंह ने बताया-"हमने सरकार से मांग की है कि भाई की हत्या करने वाले तमाम पुलिस अफसरों को दिए गए इनाम और प्रमोशन वापस लिए जाएं। भाई पर पांच लाख का इनाम जरूर था, लेकिन उनकी छवि रॉबिनहुड जैसी थी। वे गरीबों की मदद करते थे। जिस समय पुलिस ने एनकाउंटर किया उस समय वे आराम से सो रहे थे। पुलिस उनको पकड़ सकती थी, लेकिन उन्होंने गोलियां चलाई और जान ले ली। एनकाउंटर बताकर वाहवाही लूट ली।
लॉरेंस बिश्नोई को आनंदपाल सिंह की मदद
आनंदपाल सिंह का चूरू, नागौर, सीकर समेत आसपास के जिलों में भारी दबदबा था। लॉरेंस बिश्नोई की राजस्थान में एंट्री भी आनंदपाल की मदद से हुई थी।सरकार ने पहले उस पर दस हजार का इनाम रखा था, लेकिन उसके बाद इसे बढ़ा बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया था। उसकी गैंग में कई नामी शूटर थे। राजनीतिक लोगों में भी आनंदपाल की काफी उठ बैठ थी।
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