करोड़ों बच्चों के लिए हीरो है 12वीं का यह लड़का, कई टॉपर्स भी इसके आगे फेल, शिक्षा मंत्री ने किया फोन

राजस्थान के एक सामान्य से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र के 99.36 परसेंटाइल नंबर आए हैं , वह भी बिना कोचिंग किए ।  इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया में वह हीरो बन गया है। खुद राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उसे फोन करके बधाई दी है।‌

Arvind Raghuwanshi | Published : Apr 27, 2024 8:26 AM IST

कोटा. हाल ही में जेईई मेंस परीक्षा के परिणाम सामने आए हैं । टॉपर्स की रैंक में अधिकतर वो बच्चे शामिल हैं जो बड़े प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं और बड़ी कोचिंग संस्थानों में कोचिंग लेते हैं । लेकिन राजस्थान के एक सामान्य से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र के 99.36 परसेंटाइल नंबर आए हैं , वह भी बिना कोचिंग किए । उसकी इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया में वह हीरो बन गया है । खुद राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उसे फोन करके बधाई दी है ।‌उसका अगला टारगेट आईआईटी दिल्ली है। सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक उसका 12वीं कक्षा का परिणाम भी नहीं आया है । हम बात कर रहे हैं राजस्थान के अलवर जिले में कठूमर कस्बे में स्थित स्वामी विवेकानंद सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले आशीष चौधरी की,...।

पिता हैं सरकारी स्कूल में टीचर

आशीष की इस उपलब्धि पर उसे बधाई देने वालों की लाइन लगी हुई है । आशीष का कहना है उसके पिता हरभान सिंह चौधरी सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं । बहन दसवीं कक्षा में पढ़ रही है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले आशीष के दसवीं में 90% से ज्यादा नंबर आए थे । 12वीं का रिजल्ट अभी नहीं आया है । इस बीच उसने जेईई परीक्षा दी और पहली बार में ही उसका अच्छा रिजल्ट आया।

आशीष की सफलता पर कोचिंग संस्थान भी हैरत में...

आशीष का कहना था कि उसके पिता ही उसके मैटोर हैं। मां ग्रहणी है । सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर और अपने स्कूल के शिक्षकों से पढ़ाई करके उसने यह मुकाम हासिल किया है। सेल्फ स्टडी करने के लिए उसने हर दिन 4 से 5 घंटे दिए। लगभग हर दिन सप्ताह के हिसाब से अलग-अलग सब्जेक्ट चुने और हर सब्जेक्ट पर कमांड बनाई । आशीष की इस उपलब्धि पर बड़े-बड़े कोचिंग संस्थान भी हैरत में है , क्योंकि बिना कोचिंग किया उसने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है। गौतलब है राजस्थान के कोटा शहर में हर साल लाखों बच्चे जी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आते हैं लेकिन राजस्थान का होने के बावजूद भी आशीष ने कोटा का रुख नहीं किया और अपने घर में ही पढ़ाई की

 

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