
जोधपुर. राजस्थान की जोधपुर एसीबी टीम ने मंगलवार(21 मार्च) की रात सदर बाजार थाने के एएसआई नंदकिशोर को सोजती गेट चौकी में साढ़े तीन लाख रु. की घूस लेते रंगे हाथ दबोच लिया। इस रिश्वत कांड में थानाधिकारी सुरेश पोटलिया की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। उन्हें भी जांच के दायरे में ले लिया गया। इस बीच जब थाने में जब नंदकिशोर की वर्दी उतरवाई तो मारे बेइज्जती के उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर में यह रिश्वत कांड सामने आया है। ACB की स्पेशल यूनिट के एएसपी डॉ. दुर्गसिंह राजपुरोहित ने बताया कि शिकायतकर्ता को कुछ सटोरिये धमकी दे रहे थे। इस पर उसने पुलिस कमिश्नर को अपनी सिक्योरिटी के लिए आवेदन दिया था। यह आवेदन 13 मार्च को दिया गया था। यह आवेदन कमिश्नर कार्यालय से सदर बजार थाने भेजा गया था। यहां परिवादी थानेदार सुरेश पोटलिया से मिला। आरोप है कि थानेदार ने 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। उन्होंने इसके लिए एएसआई नंदकिशोर से संपर्क में रहने को कहा।
आखिर में 3 लाख में सौदा तय हुआ। इस बीच पीड़ित ने ACB से शिकायत भी कर दी। मंगलवार रात सोजती गेट पुलिस चौकी में पीड़ित रिश्वत के पैसे देने पहुंचा, तभी एसीबी ने नंदकिशोर को रंगे हाथों पकड़ लिया। यह कार्रवाई देर रात तक चलती रही। रात करीब 2 बजे एसीबी ने पूछताछ के बाद थानाधिकारी सुरेश पोटलिया और एएसआई नंदकिशोर को अरेस्ट कर लिया।
एएसपी दुर्गसिंह राजपुरोहित के अनुसार, घोड़ों का चौक निवासी ज्वेलर का लेन-देन को लेकर कुछ सटोरियों से विवाद है। सटोरिया ने ज्वेलर को जान से मारने की धमकी दी थी। पीड़ित ने बताया कि जब उसने रिश्वत के रकम कम करने की रिक्वेस्ट की, तो एएसआई ने 50 हजार रुपए कम कर साढ़े 4 लाख रुपए लेना तय किया। हालांकि बाद में 3 लाख 50 हजार पर सहमति बनी।
नंदकिशोर को पकड़ने के बाद एसीबी की टीम ने एसआई की वॉट्सऐप कॉल पर थाना अधिकारी सुरेश पोटलिया से बात करवाई। पोटलिया को नहीं मालूम था कि वहां ACB मौजूद है। एसीबी की कार्रवाई शुरू होने पर एसएचओ घर निकल गए थे। उन्हें रात को चौकी लाया गया। एसीबी ने जब पोटलिया की वर्दी उतरवाकर सिविल ड्रेस पहनवाई और पूछताछ की, तो पोटलिया की आंखों से आंसू बहने लगे।
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