8 किलो की चांदी की थाली में रामलला को लगेगा पहला भोग, रामायण पढ़कर तैयार किये राम मंदिर के ये बर्तन

अयोध्या में रामलला को भोग लगाने के लिए जयपुर में चांदी से विशेश थाली और कलश तैयार किए गए हैं। जिसमें अकेली थाली का वजन ही 8 किलो से अधिक है। ये थाली और कलश अयोध्या में लिए रवाना कर दिए हैं।

जयपुर. अयोध्या में चल रहे आयोजन पूरे देश और दुनिया की नजर में है। देश के लगभग हर राज्य से लोग अयोध्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करने की कोशिशें में लगे हुए हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर से भी अयोध्या में कई उपहार भेजे गए हैं। छोटी काशी कहे जाने वाले जयपुर से एक और विशेष तोहफा अयोध्या में प्रभु श्री राम के लिए रवाना किया गया है। इसे जयपुर के ज्वेलर्स ने तैयार किया है।

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रामचरितमानस पढ़कर तैयार किए थाली और कलश

वह भी रामचरितमानस का कई घंटे तक अध्ययन करने के बाद रामचरितमानस में पढ़ कर स्पेशल थाल और चांदी के बर्तन बनाए गए हैं। जिनमें रामलाल को पहली बार भोग लगेगा। इसका वजन करीब 8 किलो है और इसे बनाने में काफी समय लगा है।

स्पेशल है ये कलश

जयपुर के दो ज्वेलर्स राजीव और लक्ष्य बाबू वाल ने बताया कि अयोध्या राम मंदिर प्रबंधन को यह उपहार भेज दिए गए हैं । इन्हें बनाने में करीब 2 महीने का समय लगा । जो थल बनाया गया है उसमें रामचरितमानस की पंक्तियां उकेरी गई है । प्रभु श्री राम की फोटो बनाई गई है । इसे हनुमान जी ने अपने कंधों पर उठाया है । जो विशेष कलश बनाया गया है । उसमें चार अश्व ने अपने सर पर उठा रखा है।‌ कलश पर गुलाब की पंखुड़ियां बनाई गई है।‌ साथ ही रामचरितमानस के दोहे लिखे गए हैं।

कारखाने में चलती थी चौपाईयां

राजीव और लक्ष्य ने बताया कि इसे बनाने में जो समय लगा वह विशेष इसलिए था क्योंकि जब भी कारखाने में काम होता तब ही प्रभु श्री राम की चौपाइयां शुरू कर दी जाती थी। इस माहौल में काम करना सुकून देता था । कारीगरों ने इसे बनाने के लिए दो महीने का समय जरुर लिया लेकिन जो कलाकृति तैयार हुई है वह वास्तव में अद्भुत है। हमें खुशी है कि अयोध्या में प्रभु श्री राम को जो पहले भोग लगेगा , उसमें जयपुर सबसे आगे रहेगा। मौका मिलेगा तो श्री राम की सेवा में फिर से हाजिर होंगे।

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