
बांसवाड़ा (banswara). राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। बांसवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में आदिवासी इलाके का यह घटना क्रम है। इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बांसवाड़ा जिले की मोटा गांव थाना पुलिस कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने कहा कि कोटला गांव के नजदीक की यह घटना है।
मिट्टी लेते समय ढह गया टीला
दरअसल आदिवासी परिवारों में घर को ठंडा रखने के लिए मिट्टी और गोबर के लेप से लीपा जाता है। मिट्टी और गोबर को पेंट की तरह प्रयोग में लाता लिया जाता है। इस कारण अधिकतर आदिवासी मिट्टी लेकर जाते हैं। गांव के बाहर बने टीलों के नजदीक से यह मिट्टी उठाई जाती है। गुरुवार शाम को भी गांव में रहने वाली 30 साल की संगीता, 12 साल की पुष्पा और 6 साल की नंदा गांव के बाहर मिट्टी लेने गए थे। उस समय वहां पर इन तीनों के अलावा कोई अन्य मौजूद नहीं था। गांव के बाहर एक बड़े टीले के नजदीक से मिट्टी उठाते समय अचानक वह टीला ढह गया और इन तीनों पर आ गिरा।
मिट्टी के ढेर में ऐसे फंसे की आवाज तक बाहर नहीं आई
काफी देर तक तीनों बाहर नहीं निकल सके। क्योंकि आसपास कोई नहीं था इस कारण किसी को पता नहीं चला कि मिट्टी के ढेर में इंसान दबे हुए हैं। रात के समय वहां से गुजर रहे कुछ लोगों को मिट्टी के ढेर में हलचल दिखाई दे तो उन लोगों ने मिट्टी को खोदना शुरू किया। मिट्टी में से तीनों अचेत हालत में बाहर निकाले गए।
तीन में दो की गई जान
तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर देर रात को संगीता को मृत घोषित कर दिया गया। आज सवेरे 6 साल की नंदा को भी डॉक्टरों ने मृत बता दिया। 12 साल की पुष्पा लगभग अचेत हालत में अस्पताल में भर्ती है, उसकी हालत भी गंभीर बनी हुई है । पुलिस ने बताया कि तीनों लोग एक ही परिवार से हैं और एक ही कुनबे में रहते हैं।
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