दरअसल. बाडमेर जिले के शिव उपखंड कस्बे में स्थित कानासर गांव की रहने वाली है मूमल। पंद्रह14 साल की मूमल के छह बहन भाई और हैं। पिता किसान और मां घर संभालती हैं। परिवार के पास इतना पैसा भी नहीं था कि बेटी को जूते नहीं चप्पल भी दिला सकें। उसको मुफ्त कोचिंग देने वाले उसके कोच भी उसके लिए सहायता मांग रहे थे।