सार
दुनियाभर में आज वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा है। जहां प्रेमी जोड़े एक-दूसर के सामने अपने दिल की बात जुंबा पर लाकर प्रपोज करते हैं। इसी बीच राजस्थान से एक शेर और शेरनी की लव स्टोरी आई है। जहां शेर अपनी प्रेमिका से मिलने 350 किलोमीटर दूर जा पहुंचा।
जयपुर. प्रेमी प्रेमिकाओं के किस्से तो खूब सुने होंगे आपने...। लेकिन ये किस्सा एक शेर और शेरनी की प्रेम कहानी का है। प्रेम कहानी भी वैलेंटाइन वीक की ही है। अब हालात ये हैं कि आमने सामने हैं लेकिन मुलाकात नहीं हो पा रही हैं। मुलाकात में एक पेंच फंस गया है। यह किस्सा जयपुर की शेरनी तारा और जोधपुर के शेर जीएस का है। जीएस उसका नाम है।
प्रपोज डे पर जोधपुर से जयपुर आया शेर जीएस
दरअसज जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क एंकाकी जीवन बिता रही शेरनी तारा के बारे में पार्क के अधिकारियों ने तैयारी की एक शेर को उससे मिलाने और उसका जोड़ा बनाने की। गनीमत रही कि शेर राजस्थान में ही मिल गया जो भी एकांकी जीवन जी रहा था। शेर था जोधपुर के माचिया बायोलॉजिक पार्क का और नाम था जीएस....। उसे काफी मशक्कत के बाद आठ फरवरी यानि प्रपोज डे को जोधपुर से जयपुर लाया गया ओर तारा के साथ छोड़ने की तैयारी की जाने लगी।
वैलेंनटाइन डे पर दोनों एक पिंजरे में आ गए...
अधिकारियों का मानना था कि किस डे यानि 13 फरवरी या फिर वैलेंनटाइन डे को दोनो को एक ही पिंजरे में आगे का जीवन बिताने के बंद कर दिया जाएगा। दोनो को एक दूसरे के पिंजरे के सामने ही रखा गया ताकि दोनो एक दूसरे के बारे में जान पहचान सकें।
शेर का 4 साल से इंतजार कर रही थी शेरनी
शेरनी तारा चार साल से जोड़ा बनाने के लिए किसी शेर का इतजार कर रही थी। साल 2019 में उसके साथी शेर की मौत हो जाने के बाद से यह इंतजार जारी था। दो साल कोरोना के कारण ऐसा नहीं हो सका और बाद में कोई एकांकी शेर नहीं मिला। ऐसे में अब जोधपुर के जीएस को तारा के साथ जोड़ा बनाने के लिए लाया गया है। लेकिन किसी भी तरह की बीमारी या अन्य परेशानी नहीं हो इसके लिए शेर जीएस को यहां लाकर अब करीब तीन सप्ताह के लिए क्वारेंटीन कर दिया गया है। इस महीने के अंत मे वह शेरनी तारा के पास छोड़ दिया जाएगा। ताकि दोनो का जोड़ा बन सके। जयपुर की जनता को भी कई सालों से शेर और शेरनी का जोड़ा देखने का इंजार है।