
Rajasthan News : राजस्थान के सरकारी स्कूल अब बच्चों के लिए शिक्षा का नहीं, खतरे का केंद्र बनते जा रहे हैं। झालावाड़ में 25 जुलाई को स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत की खबर अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि सोमवार रात बाड़मेर जिले के पीपला गांव में एक और स्कूल हादसा हो गया। जहां विद्यालय के दो कमरे भरभराकर गिर गए।
गनीमत यह रही कि हादसा रात 8 बजे हुआ, जब स्कूल बंद था। अगर यह घटना विद्यालय समय में होती, तो 250 बच्चों की जान पर बन आती। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय भवन लंबे समय से जर्जर हालत में था, जिसकी शिकायतें कई बार शिक्षा विभाग को दी गई थीं।
शुक्रवार को झालावाड़ जिले के खानपुर कस्बे में एक सरकारी स्कूल की छत अचानक गिर गई थी। हादसे में 7 बच्चों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कई बच्चों को कोटा व जयपुर रेफर किया गया, जहां अब भी कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।
पीपला गांव के हादसे के बाद मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए। गांव के सरपंच ने कोटड़ा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (CBEO) को फोन पर सूचना दी, लेकिन देर रात तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि भवन की मरम्मत नहीं हुई, तो वे स्कूल में बच्चों को भेजना बंद कर देंगे।
दो जिलों में हुई ये दर्दनाक घटनाएं सवाल खड़ा करती हैं कि आखिर शिक्षा विभाग और प्रशासन क्या किसी बड़े जनहानि के बाद ही हरकत में आता है? यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो अगला हादसा और भी भयावह हो सकता है। राजस्थान हाईकोट ने प्रदेश के जर्जर स्कूलों को लेकर सरकार और शिक्षा विभाग को लताड़ भी लगाई है। साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
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