जयपुर में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक चल रही है। जिसमें कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। लेकिन इस बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे नहीं आईं। सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी है कि आखिर वसुंधरा कहां गायब हैॆं?
जयपुर. विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की नजर लोकसभा चुनाव पर है । लोकसभा में 400 सीट जीतने का लक्ष्य बनाया गया है। इसे लेकर आज राजस्थान में महत्वपूर्ण बैठक रही , लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि इस महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी की सबसे महत्वपूर्ण नेता ही गायब रही। हालांकि पार्टी के किसी बड़े नेता ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया।
बीजेपी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह बैठक
दरअसल राजधानी जयपुर में दिल्ली रोड पर स्थित वनस्थली होटल में आज भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक चल रही है । दोपहर बाद शुरू हुई इस बैठक के दो महत्वपूर्ण एजेंडे हैं। पहले एजेंडा राजस्थान की 25 लोकसभा सीट है । पूरी की पूरी सीट जीतने के लिए पार्टी को क्या करना चाहिए, इसे लेकर यह महत्वपूर्ण बैठक रखी गई है और यह देर शाम तक चलने वाली है।
केंद्रीय नेता हुए शामिल-लेकिन गायब रहीं वसुंधरा राजे
दूसरा एजेंडा राम मंदिर है । राम मंदिर को लेकर राजस्थान में कांग्रेस को किस तरह से घेरा जाए और भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में राम मंदिर को लेकर क्या नया आयोजन करें, इसे लेकर भी इस महत्वपूर्ण बैठक में चर्चा चल रही है और तमाम बड़े नेता शामिल है । राजस्थान के नेताओं के अलावा केंद्रीय नेता भी इस बैठक में है , लेकिन इस बैठक में से वसुंधरा राजे गायब है। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल , संगठन महामंत्री चंद्रशेखर , वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी , भारतीय जनता पार्टी से नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र राठौड़ समेत तमाम बड़े नेता शामिल है। लेकिन इस बैठक में जो राजस्थान की सबसे बड़ी नेता है वह नदारद है। संगठन की ओर से की जा रही पहली बड़ी बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शामिल हुए हैं।
वसुंधरा राजे की नाराजगी क्यों...
उल्लेखनीय है कि संगठन और वसुंधरा राजे में फिलहाल सब कुछ सही नहीं है । विधानसभा चुनाव के समय भी वसुंधरा राजे के कई नेताओं को केंद्रीय संगठन ने टिकट नहीं दिया था। उसके बाद जब पार्टी ने जीत दर्ज की थी तो मुख्यमंत्री बनने की रेस में वसुंधरा राजे में खुद को सबसे आगे बताया था और कई दिन दिल्ली में दौड़ भाग की थी । लेकिन इस दौड़ भाग का कोई परिणाम नहीं आया और राजस्थान से पहली बार चुनाव जीते भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया गया । जबकि वसुंधरा राजे दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी है।