
जोधपुर (राजस्थान). जोधपुर के भाजपा नेता और विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने अपने पुत्र की शादी को समाज में एक नई दिशा देने का माध्यम बनाया। राठौड़ ने न केवल दहेज प्रथा का विरोध किया, बल्कि अपनी पुत्र की शादी नशामुक्त वातावरण में संपन्न कर समाज को सकारात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह उनकी ज़िम्मेदारी है कि वे समाज को सही दिशा दिखाएं और अपनी परंपराओं में सुधार लाएं।
बाबू सिंह राठौड़ ने बताया कि उनके समाज में शादी-विवाह के दौरान शराब का सेवन एक परंपरा मानी जाती है। लेकिन उन्होंने इस प्रथा को नकारते हुए अपनी पुत्र की शादी में नशा मुक्त माहौल रखा। उनका मानना है कि ऐसी प्रथाएं न केवल परिवारों के लिए हानिकारक हैं, बल्कि समाज में एक नकारात्मक छवि भी बनाती हैं।
विकास कोष में दान दिया राठौड़ ने शादी में दहेज लेने से इनकार करने के साथ-साथ समाज के विकास कोष में 11 लाख रुपये का दान दिया। उनका कहना है कि यह धनराशि गरीब बच्चों की शिक्षा और जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्च की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि शादी-विवाह जैसे अवसरों पर फिजूलखर्ची करने के बजाय समाज के जरूरतमंदों की सहायता करें। जबकि यह राशि शराब खरीदने के लिए रखी गई थी।
'मेरी बहू नहीं, मेरी बेटी' बाबू सिंह राठौड़ ने अपनी बहू को बेटी के रूप में अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी लड़की को शादी के बाद अपने ससुराल में कभी यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वह किसी पराए घर में आई है। उन्होंने अपनी बहू को परिवार के सदस्य के रूप में अपनाया और समाज को बेटियों के सम्मान की प्रेरणा दी।
राठौड़ का यह कदम दहेज प्रथा और अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक प्रेरणादायक संदेश है। उन्होंने यह साबित किया कि सच्चा सम्मान परंपराओं को तोड़कर सही मूल्यों को अपनाने में है। उनका यह कार्य समाज के लिए एक मिसाल बनकर सामने आया है
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