सड़क पर दौड़ी बिना ड्राइवर वाली जलती कार, जानें जयपुर की घटना के पीछे का सच

Published : Oct 14, 2024, 05:01 PM IST
सड़क पर दौड़ी बिना ड्राइवर वाली जलती कार, जानें जयपुर की घटना के पीछे का सच

सार

जयपुर में जलती हुई कार सड़क पर बेकाबू होकर दौड़ती रही, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। आग लगने के बाद भी कार का न रुकने का कारण क्या था? जानिए पूरी घटना।

जयपुर में पिछले दिनों एक जलती हुई कार का सड़क पर बेकाबू होकर दौड़ने का वीडियो वायरल हुआ था। जयपुर के अजमेर रोड पर सुदर्शनपुरा पुलिया की ओर जा रही कार में आग लगने के बाद भी वह काफी दूर तक जलती हुई दौड़ती रही। सोडाला सब्जी मंडी के पास एलिवेटेड हाईवे पर यह घटना घटी। आग लगने के बाद भी कार के न रुकने का कारण अब सामने आ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग लगने के बाद हैंडब्रेक फेल हो जाने के कारण कार रुक नहीं पाई। पीटीआई ने अग्निशमन अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है। जलती हुई कार ने एक मोटरसाइकिल सवार को भी टक्कर मार दी थी।

कार में आग लगने के बाद ड्राइवर ने हैंडब्रेक लगाकर कार से कूदकर अपनी जान बचाई। लेकिन बताया जा रहा है कि हैंडब्रेक ठीक से न लगने के कारण जलती हुई कार आगे बढ़ती रही। आग का गोला बनने के बाद भी काफी दूर तक दौड़ने के बाद कार अंततः सड़क किनारे डिवाइडर से टकराकर रुकी। ड्राइवर जितेंद्र जंगिड़ ने बताया कि बोनट से धुआं निकलता देख उन्होंने सोडाला के एलिवेटेड रोड पर कार रोकी थी। उन्होंने बताया कि वह तुरंत कार से बाहर कूद गए, लेकिन हैंडब्रेक खराब होने के कारण कार सड़क पर आगे बढ़ गई। वायरल वीडियो में फ्लाईओवर पर पूरी तरह से जलती हुई कार दौड़ती हुई दिखाई दे रही है। जलती हुई कार आगे बढ़ते हुए सड़क पर चल रहे बाइक सवारों को टक्कर मारती हुई भी दिखाई दे रही है।

मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस हादसे के बाद सड़क पर लंबा जाम लग गया। बताया जा रहा है कि कार में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन आग लगने से मची अफरा-तफरी से राहगीरों और वाहन चालकों में दहशत फैल गई।

कार में आग लगने पर बचाव के उपाय

  • कार में हथौड़ा जैसा उपकरण रखें।
  • यह आपको कार का शीशा तोड़ने में मदद करेगा।

कैंची:
सीट बेल्ट लॉक होने पर कैंची से काट सकते हैं।

अग्निशामक यंत्र:
आग लगने पर उसे बुझा सकते हैं।

आग लगने से बचने के लिए सावधानियां

  • ऑयल फ़िल्टर, इंजन कूलेंट, इंजन ऑयल समय पर बदलते रहें।
  • अनावश्यक इलेक्ट्रिकल उपकरण बैटरी पर अतिरिक्त भार डालते हैं।
  • सीएनजी फिटिंग और जांच केवल अधिकृत जगह पर ही करवाएं।
  • ज्यादा मॉडिफिकेशन से कार में तकनीकी खराबी की संभावना बढ़ जाती है।
  • अगर कार ज्यादा गर्म हो रही हो तो कार को किनारे लगाकर ठंडा होने दें।

कार में आग कब लगती है?

  • ढीले बैटरी टर्मिनल शॉर्ट सर्किट का कारण बन सकते हैं।
  • बैटरी की देखभाल न करने पर उसमें से अक्सर पानी या एसिड रिसने लगता है, जिससे शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
  • सेंट्रल लॉकिंग, ऑडियो सिस्टम, कैमरा, हॉर्न, हेडलाइट जैसे किसी भी बाहरी उपकरण की वायरिंग ठीक से न होने पर भी शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
  • कई बार लोग कार में परफ्यूम जैसी ज्वलनशील चीजें रखते हैं। ये अक्सर भाप बनकर कार में आग लगा सकती हैं। लोग अक्सर कार के आसपास खड़े होकर सिगरेट पीते हैं। इससे भी आग लगने का खतरा रहता है।

आग लगने के संकेत क्या हैं?

  • आग कभी भी अचानक नहीं लगती। उससे पहले शॉर्ट सर्किट या तारों से आने वाली बदबू जैसे कुछ संकेत मिलते हैं। कभी-कभी अचानक धुआं निकलने लगता है। कई बार कार चलाने में दिक्कत होती है। कभी-कभी चिंगारी भी दिखाई देती है। ऐसा होने पर तुरंत कार रोककर उससे बाहर निकल जाएं और मैकेनिक को बुलाकर कार की जांच करवाएं।

बचाव के लिए क्या करें?

  • कार की बैटरी की नियमित जांच करवाएं।
  • हर 6 से 8 महीने में बैटरी की जांच करवाएं।
  • अगर कार खराब हो जाए और लॉक न खुले तो शीशा तोड़कर तुरंत बाहर निकलें।
  • मैकेनिक के आने तक कार में न बैठें।

 

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