भरतपुर (राजस्थान).डीग जिले के गांवों में डिप्थीरिया बीमारी तेजी से फैलने लगी है, जिससे बच्चों में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। हाल ही में एक बालिका सहित 8 बच्चों की मौत इस बीमारी के कारण हो चुकी है, जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और जयपुर के स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत प्रभावित गांवों में पहुंची है, जहां बच्चों की मौतें हुई हैं।
बच्चों में अगर आ रहे यह लक्षण तो रहे सावधान
गांव दुन्दावल निवासी शेजान और उसके बड़े भाई फैजान जैसे कई बच्चे डिप्थीरिया से प्रभावित हुए हैं। शेजान की मृत्यु जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान हुई, जबकि फैजान का इलाज चल रहा है। डिप्थीरिया के कारण बच्चों में गले में सूजन, बुखार और खांसी जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
इस कारण से हालात हो रहे विकराल
टीम ने गांवों में जाकर घर-घर टीकाकरण अभियान शुरू किया है। WHO के क्षेत्रीय को-ऑर्डिनेटर सुनील यादव ने बताया कि 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों में यह बीमारी आमतौर पर होती है। उन्होंने यह भी बताया कि नियमित टीकाकरण से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है, लेकिन कुछ परिवारों में टीके के प्रति जागरूकता की कमी है, जिससे स्थिति और विकराल हो रही है।
टीकाकरण अभियान में समस्या डाल रहे लोग
हालांकि, टीकाकरण के दौरान कई बच्चों ने स्कूल से भागने की कोशिश की, जिससे टीकाकरण अभियान में बाधा उत्पन्न हुई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस समस्या पर चर्चा के लिए एक बैठक आयोजित की, जिसमें डिप्थीरिया के मामलों की गंभीरता और टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अभिभावकों से की यह अपील
अधिकारियों का मानना है कि यदि गांवों में जागरूकता बढ़ाई जाए और सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाए, तो इस गंभीर बीमारी के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को समय पर टीका लगवाएं, ताकि उनकी जान बचाई जा सके।