राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक खेत में दबिश देकर करोड़ों का अवैध अफीम और डोडा जब्त किया गया है। हालांकि इसमें मौके पर कोई आरोपी नहीं मिला। टीम जांच कर यह पता करने में लगी इतना माल आया कहां से।
चित्तौड़गढ़ (chittorgarh news). सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ शहर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। टीम ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में एक मकान और एक खेत में दबिश दी। जहां से टीम को करीब ढाई करोड़ रुपए की अफीम और डोडा जब्त किया है। हालांकि टीम को मौके से कोई भी आरोपी नही मिला। अब टीम जांच में जुटी है कि यह माल कहां से लाया गया और यह माल कहां सप्लाई होने वाला था। शुक्रवार के दिन आरोपी से इस बारे में पूछताछ शुरू कर दी गई है। राजस्थान में अफीम को काला सोना कहा जाता है।
चित्तौड़गढ़ में छुपा हुआ था करोड़ों का नशे का सामान
अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई बांगेड़ा घाटा गांव में देवीलाल के मकान पर की गई। टीम को लंबे समय से इनपुट था कि यहां बड़ी संख्या में नशे का सामान रखा हुआ है। लेकिन जब टीम कार्रवाई करने पहुंचे तो गांव के काफी लोग वहां एकत्रित हो गए। क्योंकि देवीलाल गांव के प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक है। आखिरकार जैसे-तैसे अधिकारियों ने पूरे मकान को घेरा और वहां खड़े लोगों से भी वार्ता की और फिर इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। हालांकि मौके से देवीलाल नहीं मिला है जिसकी अब टीम तलाश में लगी हुई है।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में होती है नशे की सबसे ज्यादा तस्करी
वहीं यदि पुलिस आंकड़ों की माने तो राजस्थान में आज भी अफीम की सबसे ज्यादा तस्करी चित्तौड़गढ़ जिले से ही की जाती है। क्योंकि चित्तौड़गढ़ जिला राजस्थान के अफीम उत्पादक जिलों में से एक है। वही यहां हर महीने करीब एक दर्जन से ज्यादा ऐसे मामले आते हैं जिनमें अफीम डोडा की तस्करी की जाती है। हाल ही में एक मामला यहां सामने आया था जब एक पुलिस टीम तस्कर को गिरफ्तार करने के लिए गई तो वहां आरोपियों ने उनका विरोध किया और उनके पीछे अपनी गाड़ी भी दौड़ाई। हालांकि तस्करी के ज्यादा मामलों में कार्रवाई इसलिए नहीं हो पाती क्योंकि अधिकतर मामलों में प्रभावशाली लोग शामिल होते हैं।
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