शराब के नशे में ढाई साल की मासूम के साथ की दरिंदगी फिर दी खौफनाक मौत, कोर्ट ने 11 महीने में सुनाया ऐतिहासिक फैसला

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ शहर की कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जिसको सुनने के बाद पीड़त परिवार ने न्याय को संतुष्टि देने वाला बताया। इस पूरे मामले में प्रदेश पुलिस भी इतनी एक्टिव रही कि 9 दिन में कोर्ट में चालान पेश कर दिया।

Sanjay Chaturvedi | Published : Apr 1, 2023 11:15 AM IST / Updated: Apr 01 2023, 05:06 PM IST

चित्तौड़गढ़ (chittorgarh news). राजस्थान के चित्तौड़गढ़ पोक्सो कोर्ट ने 1 साल पहले हुई ढाई साल की बच्ची की रेप के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी दरिंदे को फांसी की सजा सुनाई है। जैसे ही कोर्ट ने यह फैसला सुनाया तो पीड़ित बच्ची का पिता रोने लगा और कहा कि दरिंदे को फांसी होनी चाहिए थी।

ये था पूरा घटनाक्रम

घटना 21 अप्रैल 2022 की थी। चित्तौड़गढ़ के ग्रामीण इलाके में 2.5 साल की मासूम अपनी मां के साथ एक शादी समारोह में आई थी। इसी दौरान वहां आरोपी रमेश निवासी भीलवाड़ा भी आया हुआ था। नशे में धुत आरोपी ने पहले तो एक छोटे बच्चे से कुकर्म करने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही वह बच्चे को उठाने लगा तो बच्चा चिल्लाने लगा। इसलिए उसने अपना टारगेट बदल दिया। इसके बाद आरोपी ढाई साल की बच्ची को उठाकर अपने साथ ही सुनसान जगह ले गया और वहां उसके साथ रेप किया। इसके बाद उसने उसका गला घोटकर जान लेने के बाद उसके शव को कुएं में फेंक दिया।

पुलिस ने भी की त्वरित कार्रवाही

पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 9 दिन में ही आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया। वही कोर्ट ने हत्या के मुकदमे में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। पीड़िता के पिता ने कहा कि आज मेरी बेटी को न्याय मिला है। फैसले से संतुष्ट हो बेटी की कमी हमेशा रहेगी वह दोबारा नहीं आएगी। लेकिन कोई भी पिता अपनी बेटी को खोने का दर्द महसूस नहीं करेगा। यह ऐतिहासिक फैसला है इससे दुष्कर्मी पर डर रहेगा।

इतनी स्ट्रांग चार्जशीट बनी कि आरोपी को मिली सजा

वही इस मामले में पैरवी पी पी एस पी सिंह राठौड़ ने की। जिन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए चार्जशीट इतनी स्ट्रांग बनाई की कोर्ट ने मामले में कार्रवाई करते हुए फैसला सुनाया है। मामले में पीड़ित पक्ष ने 30 गवाह 90 डॉक्यूमेंट और 14 आर्टिकल पेश किए। वहीं यदि बात करें चित्तौड़गढ़ में फांसी की सजा की तो इससे पहले 40 साल पुराने एक हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी।

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