राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से एक युव की कामयाबी की अनोखी कहानी सामने आई है। जहां नौजवान को दिन-रात पढ़ाई करने के बाद नौकरी नहीं मिली तो उसने तरबूज की खेती करना शुरू कर दिया। वह देखते ही देखते लखपति बन गया।
जयपुर. आमतौर पर हम देखते हैं कि चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए लोग सालों की मेहनत लगा देते हैं। लेकिन जब उनका सिलेक्शन नहीं होता है तो कोई गलत कदम उठा लेते हैं। कोई छत से कूदकर जान देता है तो कोई जहर खाकर। लेकिन क्या आप जानते हैं राजस्थान में एक ऐसा भी लड़का है जिसने चार्टर्ड अकाउंटेंट में सिलेक्शन नहीं होने पर खेती का काम करना शुरू कर दिया। केवल इतना ही नहीं पहली ही बार में उसने 10 लाख रुपए का प्रोफिट भी कमाया है।
5 साल दिन-रात मेहनत की...लेकिन नहीं लगी नौकरी
हम बात कर रहे हैं चित्तौड़गढ़ के धांगड़ मऊ गांव में रहने वाले निर्मल धाकड़ की। करीब 5 साल तक तैयारी करने के बाद आखिरकार किसी कारण से निर्मल एग्जाम नहीं दे पाया। लेकिन उसके मन में कहीं भी ऐसा नहीं आया कि वह और कुछ करे। उसने खेती में नवाचार करने की सोची।
तरबूज की खेती से शुरू हुआ था कामयाबी का सफर
बस फिर क्या था उसने वह खेती की जो चित्तौड़गढ़ में कभी नहीं की। निर्मली हाईटेक तरीके से तरबूज की खेती करना शुरू कर दिया। इसके लिए उन्होंने उद्यानिकी यूनिवर्सिटी में ट्रेनिंग लेकर पॉली हाउस लगाया। और फिर तरबूज और खरबूजे की खेती करना शुरू कर दिया। हाल ही में जब इन्होंने तरबूज की कटाई कर उन्हें मार्केट में बेचा तो करीब 10 लाख का प्रॉफिट हुआ है।
मेहनत और लगन से पाई बड़ी सफलता
इस बारे में निर्मल का कहना है कि जब हम किसी चीज में सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं तो हमें कोई दूसरा काम पकड़ कर उसे सही ढंग से करना चाहिए क्या पता सफलता दूसरे काम में मिले। निर्मल कहते हैं कि जब सीए नहीं बने तो एक बार मन में आया कि सब कुछ छोड़कर कोई प्राइवेट नौकरी क्यों न करना शुरू कर दें लेकिन फिर उन्होंने सोचा कि परिवार की पारंपरिक काम को शुरू किया जाए इसके बाद अब धीरे-धीरे उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।