
राजस्थान। राजस्थान के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को महिलाओं के खिलाफ क्राइम को कंट्रोल करने में अपनी ही सरकार को घेरना भारी पड़ गया। सरकार की असफलता पर विधानसभा में सवाल उठाने पर गुढ़ा को कुछ ही घंटों बाद बर्खास्त कर दिया गया है। कांग्रेस में पार्टी के नेता मणिपुर हिंसा का मुद्दा बनाकर उठा रहे थे, लेकिन इसबीच गुढ़ा ने अपने राज्य में महिला अपराध के बढ़ते मामला का जिक्र कर सरकार को घेर लिया था.
मंत्री ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जबकि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वीडियो पर नाराजगी और गुस्सा व्यक्त करते हुए राजस्थान का जिक्र किया था।
राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने आज शाम राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी और राज्यपाल कलराज मिश्र ने सिफारिश को तुरंत प्रभाव से स्वीकार किया है।
पहले भी दिए हैं विवादित बयान
राजेंद्र सिंह गुढ़ा पहले भी कई बार सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं। गुढ़ा न सचिन पायलट की ओर से अजमेर से लेकर जयपुर तक निकाली गई जन संघर्ष यात्रा के समापन पर भी सरकार के विरोध में बयान दिया था। उन्होंने जयपुर में कहा था कि कांग्रेस सरकार अब तक की सबसे भ्रष्टतम सरकार है।
सीेएम पर भी उठाए थे सवाल
राजेंद्र गुढ़ा के खिलाफ 6 महीने पहले एफआईआर दर्ज हुई थी। ग्राम पंचायत सदस्य गब्बर सिंह उर्फ दुर्गा सिंह ने उनके विरुद्ध मारपीट और अपहरण के केस दर्ज कराया था। इसपर गुढ़ा ने कहा था कि किसी विधायक या मंत्री के खिलाफ थाने में केस दर्ज होना बड़ी बात है। मेरी वाइफ ने पहले ही कहा था कि पंगे मत लो? बच्चे छोटे हैं, सीएम जेल में डाल देंगे। गुढ़ा ने सीएम गहलोत पर सवाल उठाते हुए कहा था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ही गृह मंत्री हैं। उन्हें अपने मंत्री पर इतना भी इकबाल नहीं कि इस मुकदमे से पहले मेरा पक्ष भी जान लेते।
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