एक लाख करोड़ की लागत से बन रहा है CM गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट, बाड़मेर में 30 हजार मजदूर लगे है इसे पूरा करने में
बाड़मेर. राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट बाड़मेर में आइल रिफायनरी का काम चल रहा है। पिछले 5 सालों से 30 हजार मजदूर दिन रात काम कर रहे हैं फिर भी 1 साल का समय और लगेगा। शुक्रवार को निरीक्षण करने सीएम पहुंचे। इसकी लागत 1 लाख करोड़ है।
राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा क्षेत्र में बन रही रिफाइनरी को देखने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को बाड़मेर पहुंचे । दोपहर में बाड़मेर पहुंचने के बाद वे करीब 2 घंटा तक रिफायनरी प्रोजेक्ट कैंपस में रुके और लगभग हर चीज को बारीकी से देखा।
1 लाख करोड रुपए का यह प्रोजेक्ट अगले साल जून तक पूरा होने की संभावना है, लेकिन चुनाव होने के कारण सरकार चाहती है कि इसका उद्घाटन उनके हाथ से हो। इसीलिए एक यूनिट को चुनाव से पहले तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है।
रिफाइनरी का काम पूरा करने के लिए 30 हजार से ज्यादा मजदूर दिन रात काम में जुटे हुए हैं । दरअसल रिफायनरी प्रोजेक्ट साल 2018 में शुरू हुआ था। 900000 टन की यह रिफाइनरी 2024 में पूरी होनी है । पहले यह 2023 तक पूरी होनी थी।
साल 2020 में आए कोरोना महामारी के कारण काफी समय काम बंद रखा गया। इस कारण यह प्रोजेक्ट लेट हो गया। आज दोपहर में जब मुख्यमंत्री पहुंचे, उनसे पहले ही मुख्य सचिव उषा शर्मा, IAS अधिकारी गौरव गोयल और अन्य अधिकारी मौके पर आ चुके थे।
इस प्रोजेक्ट का लगभग आधा काम अभी पूरा हुआ है। 60 हजार करोड़ रुपए के करीब के काम पूरे हो चुके हैं। इस रिफाइनरी में अलग-अलग यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। यह रिफाइनरी तेल निकालने और तेल शुद्धिकरण के लिए बनाई गई है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह ड्रीम प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा करने के लिए करीब 1 साल से 30 हजार मजदूर दिन रात काम कर रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद भी काम अगले साल तक पूरा होना है।
हालांकि अब अफसर एक यूनिट का निर्माण पूरा कराने में जुट गए हैं। इस यूनिट का उद्घाटन आचार संहिता लगने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर सकते हैं। शुक्रवार के दिन रिफाइनरी का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम ने वहां पर पौधारोपण किया।