
राजस्थान कोचिंग। दिल्ली हादसे के बाद राजस्थान में कोचिंग संचालकों के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने नया नियम निकाला है। राज्य के सारे जिलों में कलेक्टरों को दिए आदेश के मुताबिक शहर, पंचायत और ग्रामीण इलाकों में चलने वाले तमाम वैसे कोचिंग संचालकों की व्यवस्था सुधारने पर जोर दे, जो बेसमेंट में चलते हैं या फिर बुनियादी सुरक्षा मौजूद न हो। इसके लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। अगर टाइम के अंदर नियम के मुताबिक काम नहीं किया गया तो वैसे कोचिंग को सील कर दिया जाएगा। बता दें कि शुरुआत बड़े शहरों से हो चुकी है। कल जयपुर में मेयर ने अपने स्तर पर जांच पड़ताल की। उन्होंने पाया कि एक कोचिंग बेसमेंट चल रही थी, जिसमें 800 बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। इसी तरह कोटा में भी ऑपरेशन चलाया गया, जहां एक दिन में 14 लाइब्रेरी और कोचिंग सील कर दिए गए।
राजस्थान के जयपुर,उदयपुर,जोधपुर, सीकर,भरतपुर और नागौर जिले में कोचिंग संचालक तेजी से फल फूल रहे हैं। रे राज्य में करीब 5000 से ज्यादा कोचिंग है, जिसमें 10 लाख से भी ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। हालांकि, इस मामले में सबसे ज्यादा कोचिंग कोटा में है, जहां हर साल करीब 2 लाख बच्चे पूरे देश भर से डॉक्टर और इंजीनियर बनने के लिए आते हैं।
जानें कौन सी तारीख से कोचिंग होंगे सील?
जानकारों का कहना है राज्य में चल रहे 100 फीसदी कोचिंग में 10 प्रतिशत भी वैसे नहीं है, जो सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक काम करते हैं। इसलिए सभी को अगले 15 दिन का समय दिया गया है। इसका मतलब अगर वो कहे मुताबिक काम नहीं करते हैं तो 15 अगस्त के बाद से कोचिंग सील करना शुरू कर दिया जाएगा।
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