
धौलपुर. राजस्थान के धौलपुर जिले में रहने वाले संतोष कुमार के परिवार में खुशी का माहौल था। पत्नी सुधा ने रीट परीक्षा पास कर ली थी और वह सरकारी टीचर बन गई थी। सालों से इस सपने को पूरा करने के लिए मेहनत की और बाबा खाटू श्याम की मन्नत मांगी। लेकिन नीयति को कुछ और ही मंजूर था। नौकरी पाने के बाद मन्नत पूरी करने के लिए अपने और अपनी बहन के पूरे परिवार को एक ही कार में लेकर खाटू श्याम गई सुधा न तो खुद वापस लौट सकी और न ही दोनो बहनों का परिवार ही बचा। इस घटना के बाद अब परिवार के दो बच्चे हैं जो अस्पताल में बचे हैं। दोनो को पता नहीं है कि उनके माता पिता इस दुनिया में नहीं रहे हैं।
खाटू श्याम जी के दर्शन कर लौट रहे थे घर
दरअसल, धौलपुर जिले की रहने वाली सुधा , अपने पति संतोष, बहन ममता और उनके पति हरेन्द्र के साथ शनिवार रात एक ही कार से खाटू श्याम ही गए थे। परिवार के चार बच्चे भी इसी कार में थे। दोनो बहनों के दो दो बच्चे थे। इस कार को संतोष चला रहे थे। शनिवार की शाम खाटू श्याम जी के दर्शन करने गए थे और रविवार सवेरे दर्शन करने के बाद उसी दिन वापस लौट रहे थे।
एक सांड को बचाने में खत्म हो गए दो परिवार
रात को गाड़ी जब धौलपुर के नजदीकी जिले भरतपुर से गुजरी तो वहां पर एक सांड़ को बचाने के चक्कर में सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गइ। मौके पर ही सुधा और ममता.... दोनो बहनों का परिवार खत्म हो गया। दो बच्चे और चारों बड़े लोगों की जान चली गई। दो बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका इलाज जारी है। सुधा जल्द ही शिक्षक की नौकरी ज्वाइन करने वाली थी लेकिन सपना पूरा होने के बाद भी उसका यह सपना हमेशा के लिए अधूरा रह गया।
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