राजस्थान के बेरोजगार युवाओं के लिए एक बुरी खबर है। राजस्थान हाईकोर्ट ने 50 हजार से ज्यादा सरकारी भर्तियों पर फिलहाल रोक लगा दी है। चुनाव से पहले भर्ती पर रोक से गहलोत सरकार के लिए निराशाजनक खबर है।
जयपुर। राजस्थान के लाखों बेरोजगारों के लिए दुख भरी खबर है। राजस्थान सरकार 50 हजार पदों पर जल्द ही भर्तियां करने वाली थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने आगामी आदेशों तक इसपर रोक लगा दी है। इस भर्ती से जुड़े युवाओं की टेंशन बढ़ गई है। चुनाव से ठीक पहले लगे बैन से सीएम गहलोत को आने वाले चुनाव में परेशानी हो सकती है।
महात्मा गांधी प्रेरकों की नियुक्ति पर रोक
राजस्थान हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी प्रेरकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। साथ ही शांति एवं अहिंसा विभाग से इसका जवाब भी मांगा है। राजस्थान सरकार ने ठीक एक महीने पहले यह भर्ती निकाली थी। भर्ती को लेकर न्यायधीश अरुण भंसाली की एकल पीठ में लच्छीराम मीणा और कुछ अन्य युवकों ने याचिका लगाई थी।
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4500 रुपये महीना मानदेय
उनका कहना था कि महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की जो भर्ती की जा रही है वह सिर्फ एक साल के लिए अस्थायी तौर पर की जा रही है। इसमें प्रेरकों को सिर्फ 4500 रपए महीना दिया जाएगा। याचिका में कहा गया कि इस भर्ती में उन लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए जिन्हें महात्मा गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिवर में भाग लेने का अनुभव है।
भर्ती की विज्ञप्ति के प्रोसेस पर सवाल
याचिकाकर्ताओं ने भर्ती की विज्ञप्ति के प्रोसेस पर भी सवाल उठाए हैं। साथ ही कहा गया है कि योग्यता संबधी प्रावधान भी सरकार की ओर से सही तरीके से तय नहीं किए गए हैं। इन तमाम अयोग्यताओं की जानकारी कोर्ट में याचिका के तौर पर देने के बाद कोर्ट ने इसे सुना और फिलहाल इस भर्ती पर रोक लगा दी है।
बिना कोर्ट की जानकारी के किसी को नौकरी न दें
कोर्ट के ऑर्डर हैं कि सरकार इस भर्ती को लेकर युवाओं के दस्तावेज वगैरह की जांच करे और भर्ती से जुड़ी तमाम प्रक्रिया अपनाए, लेकिन किसी भी प्रेरक को बिना कोर्ट की जानकारी दिए नौकरी पर नहीं रखा जाए। इस भर्ती पर रोक लगने के बाद सरकार का कोई जवाब सामने नहीं आया है। यह भर्ती कब खुलेगी इस बारे में कोई जानकारी नहीं आई है। इस भर्ती पर रोक से पचास हजार युवाओं में निराशा है।